रायपुर,(ईएमएस)। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ की बीजेपी की साय सरकार की नाकामियों एवं आम नागरिकों से उनके अधिकार छिनने के मुद्दे बार-बार छत्तीसगढ़वासियों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है। आज फिर विकास उपाध्याय ने एक महत्वपूर्ण बयान छत्तीसगढ़ की बीजेपी की साय सरकार के खिलाफ दिया है और कहा कि छत्तीसगढ़ में 16 जून से शिक्षा सत्र शुरू हो चुके हैं और अब सरकार द्वारा स्कूलों को बंद किया जा रहा है, स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। छत्तीसगढ़ में 10 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में इस सत्र की किताब नहीं पहुँची है, अभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। यहाँ किताबें कभी रद्दी कबाड़ की दुकान में तो कभी कटने-गलने के लिए गोदामों में रखी मिलती हैं। अब जब स्कूल का सत्र चालू हो गया है ऐसे में बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें ही नहीं मिल रही, यह बड़े शर्म की बात है। छत्तीसगढ़ के नौनिहालों के साथ खिलवाड़ करने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है और बड़े दुख की बात है कि स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस विभाग के इंचार्ज हैं और उनके विभाग की ये स्थिति है। उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है लगातार सरकारी किताबें बेचने की कोशिश करते वीडियो वायरल हुये हैं, उसमें से एक वीडियो साकरा में मुफ्त किताबें कबाड़ियों को बेचते पकड़ी गई और पूर्व में भी राजधानी के विधानसभा मार्ग पर स्थित कबाड़ी की दुकान में छह प्रिंटरों की किताबें हफ्तों से वहाँ पहुँची मिली थी जो कि इसी सत्र 2025-26 की थी, इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा शिक्षा के मंदिर को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है। पिछले सत्र में भी रायपुर से आई मुफ्त किताबों को सिलयारी स्थित एक उद्योग में बेच दिया गया था। उस समय भी इस मामले ने तूल पकड़ा था और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। इस मामले को दबाने का प्रयास लगातार जारी है, खबर वायरल होने के पश्चात् शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गई है, विभाग इस मामले को लेकर लीपापोती करने में जुट गया है, जिससे साफ है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के बजाय मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले विकास उपाध्याय द्वारा 15 सितम्बर 2024 को एक बड़ा सनसनी क्षेत्र खुलासा करते हुए सरकार की लापरवाही को उजागर किया गया था। उस समय रियल बोर्ड पेपर मिल, सिलियारी में भारी मात्रा में स्कूली किताबों का जखीरा मिला था। उसके पश्चात् राजनांदगांव के कबाड़ में भी लगभग 30 टन और 2 लाख किताबें मिली, जिसे जाँच अधिकारियों के समक्ष कबाड़ियों द्वारा कबूला गया कि पाठ्यपुस्तक निगम राजनांदगांव गोदाम से लगभग 30 टन किताबें अगस्त माह में खरीदी गई थी तथा स्टेट स्कूल परिसर में स्थित छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के गोदाम से करीब 2 लाख की किताबें अगस्त माह में ही कबाड़ियों को बेची गई थी। उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा विभाग में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं एवं उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का दुकान खोलकर बैठे हैं और शिक्षा के मंदिर को कलंकित करने का काम कर रहे हैं। अगर जल्द से जल्द संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो एक जन आंदोलन इसके खिलाफ किया जाएगा और हम सरकार से मांग भी करते हैं कि इस भ्रष्टाचार की सीबीआई से जाँच कराई जाये। विकास उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा से तो पूरे प्रदेश को संदेश जाता है और प्राथमिकता में तो शिक्षा सबसे बड़ा विभाग है और मुख्यमंत्री ने ही इस विभाग को अपने पास रखा था। उपाध्याय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की डेढ़ सालों की सरकार ने छत्तीसगढ़ के भविष्य को, छत्तीसगढ़ के नौनिहालों को अंधकार में ढकेलने की शुरूआत कर दी है और बड़े दुर्भाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बच्चों के लिए न ही किताब है और न कोई शिक्षक है। सत्यप्रकाश/किसुन/28 जून 2025