पेरिस,(ईएमएस)। धरती से 110 मिलियन प्रकाशवर्ष दूर एक नई और ऐतिहासिक खगोलीय खोज ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने पहली बार किसी एक्सोप्लैनेट की सीधी तस्वीर खींची है। यह ग्रह टीडब्ल्यूए 7 बी नाम की एक युवा तारकीय प्रणाली का हिस्सा है, जो महज 60 लाख साल पुरानी है। यह पहली बार है जब किसी नवजात एक्सोप्लैनेट को सीधे कैमरे में कैद किया गया है, वह भी ऐसे समय में जब आज तक खोजे गए करीब 6000 एक्सोप्लैनेट्स को वैज्ञानिकों ने केवल अप्रत्यक्ष तरीकों से खोजा था। जानकारी के मुताबिक ज्यादातर मामलों में किसी तारे के सामने ग्रह के गुजरने से उसकी रोशनी में आने वाली कमी या स्पेक्ट्रोस्कोपिक डेटा के जरिए ही ग्रहों की मौजूदगी का अनुमान लगाया जाता था। ऐसे में यह उपलब्धि एक बहुत बड़ी छलांग के रूप में देखी जा रही है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि की अगुवाई पेरिस ऑब्जर्वेटरी की एस्ट्रोफिजिसिस्ट डॉ. ऐनी-मैरी लाग्रांज ने की। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली बहुत ही कम उम्र की है और इसके ग्रहों की संरचना अभी विकास के शुरुआती चरणों में है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब किसी नवोदित ग्रह को उसके तारकीय डिस्क में से गुजरते हुए देखा गया है। इस सिस्टम में एक युवा तारा टीडब्ल्यूए 7 मौजूद है, जिसके चारों ओर धूल और पत्थरों की तीन स्पष्ट रिंग्स देखी गई हैं। पहले तक यह सिर्फ सैद्धांतिक कल्पना मानी जाती थी कि नवगठित तारकीय प्रणालियों में ऐसी रिंग्स मौजूद हो सकती हैं, लेकिन इस बार इसे हकीकत में दर्ज किया है। यह उपलब्धि इसलिए और अहम है क्योंकि वैज्ञानिकों ने इसे संभव बनाने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया। टेलीस्कोप में एक खास उपकरण लगाया गया जिसे कोरोनोग्राफ कहा जाता है। यह उपकरण एक सूर्यग्रहण जैसी स्थिति पैदा करता है, जिसमें तारे की तेज रोशनी को छिपा दिया जाता है और उसके पास मौजूद अपेक्षाकृत धुंधले ग्रह को देखने की सुविधा मिलती है। वैज्ञानिकों ने तारे को उसके ध्रुवीय अक्ष से देखा, जिससे पूरा डिस्क ऊपर से साफ दिखाई देने लगा और ग्रह एक चमकते हुए बिंदु के रूप में उसमें उभर कर सामने आया। इस खोज ने संकेत दिया है कि वैज्ञानिक अब आकाशगंगा के और भी अधिक ग्रहों को प्रत्यक्ष रूप से देखने में सक्षम हैं। इससे न केवल नए ग्रहों की खोज संभव होगी, बल्कि ग्रहों के निर्माण की प्रक्रिया, उनके वातावरण और जीवन की संभावनाओं को समझने के रास्ते भी खुलेंगे। सिराज/ईएमएस 29 जून 2025