राष्ट्रीय
30-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। शहद एक ऐसा प्राकृतिक पदार्थ है, जो न केवल स्वाद में मीठा होता है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, शहद मुख्य रूप से फ्रक्टोज और ग्लूकोज जैसी प्राकृतिक शर्करा से बना होता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन्स, एंजाइम्स, मिनरल्स और कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो इसे स्किनकेयर के लिए बेहद उपयोगी बनाते हैं। प्राचीन समय से ही लोग शहद का उपयोग त्वचा की देखभाल में करते आए हैं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व मानसून के दौरान स्किन इंफेक्शन से बचाव में अहम भूमिका निभाते हैं। शहद त्वचा के रोमछिद्रों को साफ रखने में मदद करता है, जिससे मुंहासे और फोड़े-फुंसी नहीं होते। इसमें एक विशेष एंजाइम मौजूद होता है जो हाइड्रोजन पेरॉक्साइड उत्पन्न करता है, जो त्वचा पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है। मानसून के मौसम में अक्सर शरीर के गीले हिस्सों में फंगल इंफेक्शन या घाव हो जाते हैं, ऐसे में शहद को सीधे इन जगहों पर लगाने से सूजन कम होती है और घाव जल्दी भरता है। इसके अलावा, शहद का उपयोग त्वचा रोगों जैसे पिटीरायसिस, सेबोरिया, टीनिया, डैंड्रफ, डायपर रैश, सोरायसिस, बवासीर और एनल फिशर तक में किया गया है। कॉस्मेटिक्स में भी शहद का खूब इस्तेमाल होता है क्योंकि यह त्वचा को मुलायम और नमीयुक्त बनाए रखता है, झुर्रियों को कम करता है और त्वचा को जवां बनाए रखने में सहायक होता है। यही वजह है कि शहद को न केवल एक सौंदर्य सामग्री बल्कि एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी माना जाता है। बता दें कि मानसून का मौसम जहां वातावरण में ताजगी लेकर आता है, वहीं त्वचा के लिए कई तरह की परेशानियां भी साथ लाता है। इस मौसम में नमी बढ़ने से त्वचा अक्सर चिपचिपी हो जाती है। कई बार यह ड्राई भी महसूस होती है। इसके अलावा पिंपल्स, दाने और फंगल इंफेक्शन जैसी समस्याएं भी आम हो जाती हैं। ऐसे में अगर त्वचा की ठीक से देखभाल न की जाए तो चमकदार और स्वस्थ स्किन पाना मुश्किल हो जाता है। सुदामा/ईएमएस 30 जून 2025