ट्रिब्यूनल ने कहा— पुलिस के पास कोई अलादीन का चिराग नहीं... —बिना इजाजत जुटाई 5 लाख की भीड़ बेंगलुरु,(ईएमएस)। आईपीएल ट्रॉफी जीतने के बाद बेंगलुरु में हुई विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ मामले को लेकर सस्पेंड किए गए सीनियर आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को बहाल कर दिया गया है। यह फैसला मंगलवार को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (सीएटी) ने सुनाया। अपने आदेश में ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट कहा कि इस हादसे के लिए पुलिस नहीं, बल्कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) फ्रेंचाइज़ी जिम्मेदार है। सीएटी ने आईपीएस अधिकारी विकास कुमार के सस्पेंशन को अनुचित बताते हुए कहा, कि पुलिस के पास कोई अलादीन का चिराग नहीं होता, जो उंगली रगड़ते ही भीड़ पर नियंत्रण पा सके। ट्रिब्यूनल ने कहा कि आरसीबी ने 4 जून को हुई विक्ट्री परेड से पहले पुलिस से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी। सोशल मीडिया पर अचानक कार्यक्रम की जानकारी शेयर कर दी गई, जिससे भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जब 5 लाख लोगों की भीड़ एक साथ जुटती है, तो फ्रेंचाइज़ी को उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। भगदड़ में 11 की मौत चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित हुई इस विक्ट्री परेड के दौरान अफरातफरी में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 75 लोग घायल हो गए थे। हादसे के बाद बेंगलुरु सिटी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया था। सीएटी ने तर्क दिया कि पुलिस को अचानक कार्यक्रम की सूचना मिली। ऐसे में उससे भीड़ नियंत्रण की उम्मीद करना अव्यावहारिक है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि निलंबन पुख्ता सबूतों पर आधारित नहीं है। पुलिस अधिकारियों को बिना किसी पर्याप्त सबूत या आधार के सस्पेंड किया गया है। अत: यह आदेश निरस्त किया जाता है। हिदायत/ईएमएस 01जुलाई25