लंदन (ईएमएस)। आखिर सांप अपनी ही पूंछ को क्यों खाने लगता है, यह सवाल हमेशा लोगों के बीच चर्चाओं में रहता है। सोशल मीडिया पर कई बार ऐसे वीडियो वायरल होते हैं जिनमें सांप खुद को ही निगलने की कोशिश करता नजर आता है। रिपोर्टों के मुताबिक सांपों को हमेशा खतरनाक और जानलेवा जीव माना जाता है, लेकिन अपनी ही पूंछ को खाना उनके व्यवहार का एक जटिल पक्ष दिखाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसमें कोई रहस्यमयी या अपशकुन जैसी बात नहीं है। इसके पीछे पूरी तरह से जैविक और पर्यावरणीय कारण होते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसा व्यवहार सांपों में अत्यधिक तनाव, तंत्रिका संबंधी समस्याओं या बहुत ज्यादा गर्मी के कारण देखा जाता है। दरअसल सांपों की दुनिया हमारे लिए जितनी रहस्यमयी लगती है, उनके अनुभव करने का तरीका भी उतना ही अलग होता है। वैज्ञानिक बताते हैं कि स्तनधारियों के मुकाबले सांप देखने और सुनने से ज्यादा गंध और कंपन के आधार पर प्रतिक्रिया करते हैं। उनकी कांटेदार जीभ और जैकबसन नामक एक विशेष अंग हवा में मौजूद रसायनों को चखने में मदद करता है, जिससे वे आसपास के वातावरण के बारे में जानकारी जुटाते हैं। सांप ठंडे खून वाले होते हैं यानी अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर करते हैं। जानकारी के मुताबिक अत्यधिक गर्मी में सांपों का दिमाग भ्रमित हो जाता है। वे अपनी ही पूंछ को शिकार समझ बैठते हैं और उस पर हमला कर देते हैं। कई बार यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि वे खुद को ही नुकसान पहुंचा लेते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस व्यवहार को देखकर डरने या अंधविश्वास पालने की बजाय इसे समझने की जरूरत है क्योंकि यह उनकी शारीरिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों का नतीजा होता है। इस तरह की घटनाएं हमें यह भी याद दिलाती हैं कि प्राकृतिक दुनिया कितनी जटिल और संवेदनशील होती है। बता दें कि दुनिया रहस्यों और अजीब घटनाओं से भरी हुई है। अक्सर लोग ऐसी बातों को देखकर चमत्कार या अलौकिक शक्ति मान लेते हैं, लेकिन जब उनकी असली वजह सामने आती है तो वह विज्ञान की ही देन निकलती है। सुदामा/ईएमएस 02 जुलाई 2025