ज़रा हटके
02-Jul-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा पद्धति में कई ऐसे सरल उपाय बताए गए हैं जो रोजमर्रा की छोटी-मोटी समस्याओं में जल्दी राहत दे सकते हैं। खासतौर पर कुछ पत्तियों को रोज सुबह खाली पेट चबाकर खाने की सलाह दी जाती है। इनमें नीम, तुलसी, मीठा नीम (करी पत्ता) और अजवाइन के पत्ते शामिल हैं, जो कई बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथ सुश्रुत संहिता में नीम को ‘सर्व रोग निवारिणी’ कहा गया है। नीम में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट 3-4 कोमल नीम की पत्तियां चबाने से पेट की समस्याएं कम होती हैं और शरीर के भीतर जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इससे त्वचा भी साफ और स्वस्थ बनती है। जो लोग पिंपल या स्किन समस्याओं से परेशान रहते हैं, वे नीम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। वहीं, ‘चरक संहिता’ में तुलसी को विष्णु प्रिया कहा गया है। तुलसी के पत्तों को खाली पेट खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, इम्यूनिटी बेहतर होती है और सांस की बीमारियों में भी राहत मिलती है। हालांकि, पेट में अल्सर या ज्यादा एसिडिटी से परेशान लोगों को तुलसी की पत्तियां चबाने से बचना चाहिए। करी पत्ता या मीठा नीम भी काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो पेट को साफ रखने और पाचन एंजाइमों को सक्रिय करने में मदद करते हैं। सुबह खाली पेट करी पत्ता चबाने से गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है और भूख भी नियंत्रित रहती है। वहीं, अजवाइन के पत्तों में थाइमोल नामक तत्व होता है, जो एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इन्हें प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर भी कहा जाता है। सुबह बासी मुंह अजवाइन के पत्ते चबाने से मुंह की दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया खत्म होते हैं, सांसों में ताजगी आती है और मसूड़ों को भी फायदा मिलता है। इन पारंपरिक उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है। बता दें कि आज की तेज़ और तनावपूर्ण जीवनशैली में लोग अपनी सेहत का ठीक से ध्यान नहीं रख पाते, जिसका सीधा असर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता, पाचन और त्वचा पर पड़ता है। सुदामा/ईएमएस 02 जुलाई 2025