बेसमेंट में करनी थी पार्किंग व्यवस्था, संचालक ने बना ली दुकाने, नियमों को ताक पर रखकर हुआ कॉम्प्लेक्स का निर्माण छिंदवाड़ा (ईएमएस)। शहर के भवन और काम्पलेक्स मालिकों द्वारा बेसमेंट पार्किंग का निजी और व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। वहां सामान रखने के साथ ही दुकान तक संचालित हो रहे हैं। जबकि बेसमेंट का व्यावसायिक उपयोग बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। इसका उपयोग सिर्फ पार्किंग के लिए किया जा सकता है, लेकिन नगर निगम की उदासीनता के चलते शहर के लगभग 70 प्रतिशत से ज्यादा बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा नहीं मिल पा रही है। दिल्ली में बेसमेंट में पानी भरने की वजह से तीन छात्राओं की मौत होने के बाद पूरे देश में बेसमेंट की जांच की जा रही है, ताकि उसका सही उपयोग हो सके और इससे किसी प्रकार का हादसा दोबारा न हो। इधर शहर के लगभग सभी भवनों में भी बेसमेंट हैं, क्योंकि बिना बेसमेंट के भवन निर्माण की अनुमति नहीं रहती। ऐसे में हर भवन में बेसमेंट तो बनाया जाता है, लेकिन इसका उपयोग पार्किंग में नहीं किया जा रहा है। ऊपर के दुकानदार इसे गोदाम के रूप में उपयोग कर रहे हैं तो कुछ इसका निजी उपयोग कर रहे हैं। आलम ये कि कुछ बेसमेंट में दुकान तक संचालित हो रहे हैं। ऐसा ही कारनामा इन दिनों गांधीगंज स्थित स्टेट बैंक के सामने बने वीएम टॉवर के संचालक द्वारा किया जा रहा है। वीएम टॉवर संचालक द्वारा बेसमेंट में दुकान बना ली है। कॉम्प्लेक्स निर्माण के दौरान नगर निगम द्वारा बेसमेंट का उपयोग पार्किंग हेतू करने के लिए ही कॉम्प्लेक्स निर्माण की अनुमति दी थी। लेकिन संचालक द्वारा अब नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बेसमेंट का उपयोग व्यावसायिक किया जा रहा है। निगम अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान ऐसा नहीं की संचालक द्वारा किए जाने वाला यह कारनामा निगम अधिकारियों से छुपा हुआ है। बल्कि निगम के कुछ अधिकारियों को इस पूरे मामले की विस्तार से जानकारी है। लेकिन इसके बाद भी वह इस ओर ध्यान नहीं देना चाहा रहे है। सूत्रों की माने तो इस मामले से जुड़े संबंधित अधिकारी ने संचालक से सांठगंाठ कर ली है। जिसक एवज में अधिकारी ने कुछ राशि भी ली है। इस वजह से अब संचालक के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि उसने पार्किंग में एक नहीं बल्कि दो दुकाने बनाकर उसका उपयोग व्यावसायिक रूप से किया जा रहा है। क्षेत्र में लग रहा जाम वीएम कॉम्प्लेक्स संचालक द्वारा पार्किंग के लिए बने बेसमेंट का व्यावसायिक उपयोग तो किए जाने लगा है। इसके बाद अब दुकानों में आने वाले ग्राहक सड़कों पर ही वाहन खड़ा कर रहे है। जिसकी वजह से आए दिन क्षेत्र में जाम की स्थिति बन रही है। दुकान पहुंचने वाले ग्राहकों का कहना है कि दुकान के सामने जितनी जगह होती है उसमें तो पहले से वाहन खड़े होते है। ऐसे में हमे जो जगह मिलती है, हम वहा अपना वाहन खड़ा कर देते है। दुकान संचालक को वाहन खड़ा करने जगह बनानी चाहिए। नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया गंाधीगंज का वीएम कॉम्पलेक्स गांधीगंज में बने वीएम कॉम्प्लेक्स संचालक द्वारा कॉम्प्लेक्स निर्माण के नियमों का पालन नहीं किया गया है। बल्कि सारे नियमों को ताक पर रखकर निर्माण किया गया है। अगर हम बात बेसमेंट की करे तो बेसमेंट में आने-जाने का एक ही रास्ता है। इतना ही नहीं वहां पर ना तो फायर यंत्र है, और ना ही उचित पानी निकासी की जगह बनाई गई है। इसी के साथ साथ बेसमेंट में अग्नि शमन यंत्र की कोई व्यवस्था की गई है और ना ही उसमें रोशनी व हवा के आने के पर्याप्त साधन उपलब्ध है। इसके बाद भी निगम अधिकारी इस ओर ध्यान देना नहीं चाहा रहे है। कलेक्टर के आदेशों की भी उड़ रही धज्जियां कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा बेसमेंट में दुकानों के संचालन पर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग के लिए ही होना चाहिए। किसी भी प्रकार का व्यावसायिक संचालन बेसमेंट में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने बेसमेंट में व्यापार चला रहे दुकानदारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और दुकानों को तुरंत हटाने कहा था। साथ ही भविष्य में इस तरह की स्थितियों को रोकने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण और सख्त निगरानी की बात कहीं थी। लेकिन गांधीगंज स्थित वीएम कॉम्प्लेक्स को देखकर लगता है कि कलेक्टर के यह आदेश कॉम्प्लेक्स संचालक के उपर लागू नहीं होते है। इस लिए संचालक द्वारा बेखौफ होकर बेसमेंंट का उपयोग व्यावसायिक तौर पर किया जा रहा है। ईएमएस/मोहने/ 02 जुलाई 2025