क्षेत्रीय
02-Jul-2025


निर्माण और व्यवस्थाओं को देखने आए इजराइली विशेषज्ञ छिंदवाड़ा (ईएमएस)। पांढुर्णा-सौंसर क्षेत्र का संतरा अपनी गुणवत्ता और स्वाद के लिए पूरे विश्व में मशहूर हैं। इसके उत्पादन में नई तकनीकों को लेकर इसके खेती में सुधार के लिए इजराइल की मदद से देश कई सेंटर खोले जा रहे हैं। सौंसर के कुड्डम स्थित शासकीय नर्सरी संजय निकुंज में इसी तरह का एक कें्रद बनाया जा रहा है। बुधवार को इस केंद्र का निरीक्षण करने इजराइली विशेषज्ञ उसी रुबीस्टेन आए। उन्होंने निर्माणाधीन केंद्र का भ्रमण किया और कई तकनीकी निर्देश अधिकारियों को दिए। उद्योग विभाग के अधिकारियों के अलावा इस दौरान कलेक्टर अजयदेव शर्मा और पुलिस अधीक्षक सुंदरसिंह कनेश भी मौजूद रहे। संचालनालय उद्यानिकी के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी एके मिश्रा भी भोपाल से यहां पहुंचे थे। इज़राईली एम्बेसी विशेषज्ञ उरी रूबीस्टेन ने निरीक्षण कर सेन्टर रोपे जाने वाले सभी पौधों का रोपण रिड्जबेड पद्धति से करने कहा। उन्होनें अधिकारियेां को निर्देश दिए कि पौधारोपण के पूर्व बेड पर वीडमेट बिछाने के बाद डबल ड्रिप लाईन बनाई जाए। उन्होनें उद्यान विभाग के अधिकारियेां से ऐसे किसान जिन्होनें अपने बगीचों में रिड्जबेड पद्धति से संतरा,मौसम्बी पौधों का रोपण किया गया है उसकी जानकारी एकत्रित कर डाटाबेस तैयार करने कहा। ध्यान रहे पांढुर्णा जिले में होने वाले संतरा मौसंबी की गुणवत्ता कोदेखते हुए यहां यह सेंटर बनाया जा रहा है। दैौरे पर आए विशेषज्ञ ने सेंटर में नर्सरी एक्सपर्ट, फार्म मैनेजर, प्लांट प्रोटेक्शन एक्सपर्ट, अर्चड मैनेजर, वॉटर एक्सपर्ट, तकनिकी प्रशिक्षण विशेषज्ञ व प्रोटेक्टेड फार्मिंग एक्सपर्ट की स्थाई रूप से नियुक्ति करने की बात भी कही। डेमो प्लांट भी बनेगा हॉस्टल बिल्डिंग के समीप रिक्त भूमि का उपयोग डेमो प्लांट के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसमें सभी नवीनतम किस्मों के पौधो का रोपण रिड्जबेड पद्धति से किया जाकर पौधे तैयार किए जाएंगे। इसके लिए रोपण सामग्री के रूप में कोकोपिट एवं परलाईट का उपयोग किया जाएगा। पौधरोपण के दौरान गोबर खाद और वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग न करने के निर्देश के साथ पौधे रोपने से पहले मिट्टी का उपचार अनिवार्य रूप से होगा ताकि रोपित किये जाने वाले पौधों को मिट्टी जनित रोगों से बचाया जा सकें। कृषि क्षेत्र में सहयोग के तहत बन रहा केंद्र ध्यान रहे भारत में इजराइल की मदद से कई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यानि उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ सिट्रस यानि नींबूवर्गीय फलों के लिए भी हैं। ये केंद्र किसानों को नवीनतम तकनीकों और वैज्ञानिक प्रगति को बताने के लिए हैं जिससे फलों की खेती में सुधार होता है। भारत और इजराइल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग के तहत ये केंद्र स्थापित किए गए हैं। इजराइल की उन्नत कृषि तकनीकों जैसे सूक्ष्म सिंचाई, उन्नत नर्सरी प्रबंधन, और कीट-रोग प्रबंधन को यहां के किसानों तक पहुंचाना है जिससे सिट्रस फलों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ेगी इसी के साथ उन्नत किस्मों का विकास भी किया जा सकेगा। इस दौरान उप संचालक उद्यान जिला छिन्दवाड़ा एमएलउईके, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सौंसर,क्षेत्रीय प्रबंधक एमपीएग्रो कमलेश लाल, जिला प्रबंधक एमपी एग्रो अनिल कुमरे भी उपस्थित थे। ईएमएस/मोहने/ 02 जुलाई 2025