03-Jul-2025


-महिला मॉक पार्लियामेंट में डॉ. मोहन बोले भोपाल (ईएमएस)। राजधानी भोपाल में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भाजपा महिला मोर्चा द्वारा महिला मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सवाल उठाया कि कांग्रेस क्यों नाम रखा, ऐसी गरीब पार्टी थी कि इसे भारतीय नाम ही नहीं मिला। कांग्रेस अंग्रेजों ने बनाई थी और अंग्रेज चले गए, लेकिन कांग्रेस अब भी चलाई जा रही है। कम से कम पार्टी का नाम ही बदल लेते। भैया भारतीय परिधान कुर्ता पजामा तक नहीं पहनते, टी-शर्ट में ही घूमते रहते है। कहा- अटलजी नेता प्रतिपक्ष थे, उन्होंने दुर्गा की संज्ञा दी। अब भैया बैठ गये, नेता प्रतिपक्ष पद की क्या स्थिति कर दी है। डॉ. यादव ने कहा कि बम गिराने गए अभिनंदन को पाकिस्तान हाथ लगाने का दुस्साहस नहीं कर सका, ये आज का भारत है। इसके बाद भी टीशर्ट वाला कहता रहा बम कहां गिरा, राहुल गांधी बेशर्मी की बात करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर हमने किया और नादान कह रहे हैं नरेंदर ने सरेंडर कर दिया। ऐसी बात तो हमारे दुश्मन देश ने नहीं की, सरेंडर होंगे हमारे दुश्मन। हम आज आपातकाल की बातें इसलिए बता रहे क्योंकि यह बीज एक ही घर से चला आ रहा है। आपातकाल का अंश अभी खत्म नहीं हुआ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने कहा कि इंदिरा गांधी ने बेईमानी से चुनाव जीता था। चुनाव का फैसला विरोध में आने के बाद आपातकाल लगा दिया। इसी तरह राजीव गांधी ने तीन तलाक को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदला था। अब तीसरी पीढ़ी के राहुल गांधी आज वही कर रहे हैं। आपातकाल का अंश अभी खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस ने अंबेडकर को तक नहीं छोड़ा, पार्थिव शरीर के लिए दिल्ली में जगह नहीं दी गई। पार्थिव शरीर मुंबई ले गए तो प्लेन तक का किराया परिवार से लिया गया। नकली रावण भगवा वेश में आकर सीता माता का हरण करते हैं। हमारी सरकार ने बहनों को सम्मान दिया सीएम ने कहा, हमारी संस्कृति में महिलाओं को हमेशा सम्मान मिला है। हमारी सरकार भी इसी भावना से काम कर रही है। हमने महिलाओं को प्रशासन के बड़े-बड़े पदों पर नियुक्त किया है। सीएम ने भाजपा द्वारा महिलाओं को दिए गए सम्मान का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। सीएम ने कहा आप कभी कल्पना करते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस नाम क्यों रखा? ये ऐसी गरीब पार्टी जिसको कोई भारतीय नाम ही नहीं मिला। आपके भाई बहन पैदा होते तो आप क्या अमेरिका इंग्लैंड के बच्चों की तरह नाम रखते हो क्या? उनके नाम रख रहे हो तो वहां जाकर चुनाव लड़ो। वहां जाकर काम करो। वेणुगोपाल ने ही लिखा कैसे संविधान की हत्या हुई संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने कहा कि संविधान की हत्या किसने की ये जानने के लिए लाल किताब पढ़ें। राहुल गांधी जो लाल किताब लेकर घूमते हैं वह जरूर पढ़ें, उसका प्रस्तवना पढ़ेंगे तो पता चलेगा राहुल गांधी के परिवार ने कैसे संविधान की हत्या की है। किताब में वेणुगोपाल ने ही लिखा है कि कैसे संविधान की हत्या हुई है। बाबा साहब के संविधान को मिटाने का प्रयास भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त खंडेलवाल ने कहा कि इंदिरा महिला शक्ति के रूप में उभरी थीं लेकिन उन्होंने खुद के लिए बाबा साहब के संविधान को मिटाने का प्रयास किया। इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा का नारा इंदिरा गांधी ने ही दिया। आपातकाल में विरोध करने वालों के साथ बुरे से बुरा बर्ताब हुआ है। आने वाले समय भारत में संसद का एक तिहाई प्रतिनिधित्व महिलाएं करेंगी। खंडेलवाल ने कहा कि दुनिया में जिस समाज ने महिलाओं को सम्मान दिया वो समाज आगे बढ़ा। हर वो देश जहां महिलाओं को सम्मान मिला चाहे अमेरिका हो या यूरोप ये देश दुनिया में इसलिए चमकते हैं क्योंकि सबसे ज्यादा महिलाओं का सम्मान कहीं पर है तो यहां पर है। मैं हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि दुनियां के देशों में जहां पार्लियामेंट में महिलाओं का प्रतिशत स्वीडन हो, नार्वे, साउथ अफ्रीका, या फिर ऑस्ट्रेलिया की बात करें ये वो देश हैं जहां 33 प्रतिशत आरक्षण न मिलने के बावजूद महिलाएं संसद का प्रतिनिधित्व करती हैं। इंदिरा ने लोकतंत्र की हत्या की वीडी शर्मा ने कहा कि मॉक पार्लियामेंट का उद्देश्य ही यह है कि हमारी संसद कैसे काम करती है। लेकिन, आज की मॉक पार्लियामेंट का विषय जो है कि 50 साल पहले एक कानून पारित करके देश में आपातकाल कैसे लागू किया गया। जो पार्लियामेंट 5 साल की होती है इमरजेंसी लगाकर उसे 6 साल तक किया गया था। जब इमरजेंसी लगी तब मैं भी पांच साल का था। लेकिन, आज की हमारी पीढ़ी में हम सब लोग देश के इतिहास को पढ़ें। इंदिरा गांधी के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हुआ है। इसलिए 6 साल के लिए चुनाव लडऩे से कोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया था। ये संविधान की व्यवस्था थी। लेकिन, इंदिरा गांधी ने कहा था कि ये कानून नहीं चलेगा। और उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन खड़ा हुआ लोग सडक़ों पर आए। विनोद/ 3 जुलाई /2025