03-Jul-2025


* जारी वर्ष में 501 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के विभिन्न बांधों एवं जलाशयों की मरम्मत का कार्य कराया जाएगा गांधीनगर (ईएमएस)| चूंकि बांध और जलाशय किसी भी राज्य में पेयजल और सिंचाई का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं, इसलिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार समय-समय पर उनकी मरम्मत और रखरखाव करना आवश्यक है। जल संसाधन विभाग की विज्ञप्ति के मुताबिक राष्ट्रीय बांध सुरक्षा के अंतर्गत मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात में सिंचाई योजनाओं में वर्ष 2023-24 के दौरान 333 करोड़ रुपये और वर्ष 2024-25 में 366 करोड़ रुपये की लागत से बांधों और जलाशयों की मरम्मत और रखरखाव के काम पूरे किए गए हैं, जिनकी कुल लागत 699 करोड़ रुपये है। इसके अलावा जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावलिया और राज्य मंत्री मुकेश पटेल के नेतृत्व में चालू वर्ष 2025-26 में सिंचाई योजनाओं में 501 करोड़ रुपये की लागत से यह कार्य होने जा रहा है। इसके लिए राज्य बजट में भी 501 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इन कार्यों में बांध के गेटों की पेंटिंग, स्पिलवे की मरम्मत, मिट्टी के तटबंधों की मरम्मत, सुरक्षा केबिन का कार्य तथा बांध सुरक्षा से संबंधित अत्याधुनिक उपकरण कार्य आदि शामिल हैं। गुजरात में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत 19 बड़े, 90 मध्यम और 1006 छोटे बांधों सहित कुल 1115 बांध हैं, जिनमें से 524 निर्दिष्ट बांध हैं जबकि 8 अन्य विभागों के निर्दिष्ट बांध हैं। ये निर्दिष्ट बांध बांध सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आते हैं। राजकोट जिले के कोटडा गांव के पास सुख भादर नदी पर स्थित पनेलिया बांध गुजरात का सबसे पुराना निर्दिष्ट बांध है। यह बांध 640 मीटर लंबा और 11 मीटर ऊंचा है। इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र 25.90 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल भंडारण क्षमता 3.44 मिलियन क्यूबिक मीटर है। नर्मदा जिले में नवगाम के निकट सरदार सरोवर बांध गुजरात का नवीनतम निर्दिष्ट बांध है। केंद्र और गुजरात राज्य बांध सुरक्षा संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुसार जल संसाधन विभाग द्वारा किए गए बांध सुरक्षा कार्य जल भंडारण और सिंचाई सुनिश्चित करते हैं। रिसाव के कारण पानी की बर्बादी कम होने से कमांड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए अधिक पानी उपलब्ध होता है। बांधों और जलाशयों की मरम्मत से उनकी सुरक्षा और जीवन अवधि बढ़ जाती है। यहां यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तर पर बांध सुरक्षा के अंतर्गत कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में बांध सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया। जिसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) एवं राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति (एनसीडीएस) अस्तित्व में आई। तदनुसार, राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति (एनसीडीएस) का मुख्य कार्य बांध सुरक्षा के लिए नीतियां तैयार करना, आवश्यक विनियमों की सिफारिश करना और बांध सुरक्षा मानक निर्धारित करना है। जबकि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) का मुख्य कार्य राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति (एनसीडीएस) द्वारा तैयार की गई नीतियों, आवश्यक नियमों और बांधों एवं जलाशयों के सुरक्षा मानकों को लागू करना और उनकी निगरानी करना है। इस बांध सुरक्षा अधिनियम के तहत वर्ष 2022 में नर्मदा, जल संसाधन, जलापूर्ति एवं कल्पसर विभाग द्वारा गुजरात राज्य बांध सुरक्षा संगठन (जीएसडीएसओ) का गठन किया गया है। जिसमें प्रत्येक निर्दिष्ट बांध के निरीक्षण, संचालन, निगरानी और रखरखाव से संबंधित मुख्य कार्य किए जाते हैं। सूची में आगे कहा गया है कि एनडीएसए के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य स्तर पर बांध सुरक्षा उपायों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है तथा राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण के समक्ष समय-समय पर इस कार्य की निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। गुजरात में प्रमुख निर्दिष्ट बांधों का विवरण:- बड़े निर्दिष्ट बांध के अंतर्गत तापी जिले में उकाई गांव के पास तापी नदी पर स्थित उकाई बांध 4927 मीटर लंबा और 80.58 मीटर ऊंचा है। इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र 62225 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल भंडारण क्षमता 7414.29 मिलियन घन मीटर है। मेहसाणा जिले के धरोई गांव के पास साबरमती नदी पर स्थित धरोई बांध 1207 मीटर लंबा और 45.87 मीटर ऊंचा है। इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र 5475 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल भंडारण क्षमता 907.88 मिलियन क्यूबिक मीटर है। भरूच जिले के जीतगढ़ गांव के पास करजण (नर्मदा की सहायक नदी) पर स्थित करजण बांध 903 मीटर लंबा और 100 मीटर ऊंचा है। इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र 1404 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल भंडारण क्षमता 630 मिलियन क्यूबिक मीटर है। भावनगर जिले के राजस्थली गांव के पास शेत्रुंजी नदी पर स्थित शेत्रुंजी बांध 3895 मीटर लंबा और 32.02 मीटर ऊंचा है। इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र 4317 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल भंडारण क्षमता 415.41 मिलियन क्यूबिक मीटर है। वलसाड जिले के मधुबन गांव के पास दमनगंगा नदी पर स्थित मधुबन बांध 2870 मीटर लंबा और 58.60 मीटर ऊंचा है। इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र 1813 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल भंडारण क्षमता 567 मिलियन क्यूबिक मीटर है। सतीश/03 जुलाई