-20 दिन पहले हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग तिरुवनंतपुरम,(ईएमएस)। ब्रिटिश रॉयल नेवी का एफ-35बी स्टील्थ फाइटर जेट, जो 14 जून की रात केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग के बाद से खड़ा है, अब उड़ान भरने के लायक नहीं बचा है। ब्रिटेन से आई इंजीनियरिंग टीम ने इसे कई बार दुरुस्त करने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी खराबी को ठीक नहीं किया जा सका। अब इसे टुकड़ों में काटकर मिलिट्री कार्गो एयरक्राफ्ट के जरिए ब्रिटेन भेजने की तैयारी की जा रही है। बताया जाता है कि यह 918 करोड़ रुपए कीमत वाला फाइटर जेट ब्रिटिश रॉयल नेवी के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। इसे दुनिया के सबसे एडवांस्ड और महंगे लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। 14 जून की रात जब इसने तिरुवनंतपुरम में तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग की, तब से यह वहीं खड़ा है। ब्रिटेन से आए इंजीनियर लेकिन समस्या जस की तस लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित यह विमान तकनीकी रूप से इतना जटिल है कि इसके रखरखाव के लिए विशेषज्ञ टीम की जरूरत होती है। लैंडिंग के बाद ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने इंजीनियरों की एक विशेष टीम भारत भेजी थी, लेकिन लगातार प्रयासों के बाद भी विमान उड़ान के लिए तैयार नहीं हो सका। अब सूत्र बता रहे हैं कि इस हाई-टेक फाइटर जेट को डिसमेंटल (टुकड़ों में अलग) कर विशेष मिलिट्री कार्गो विमानों से ब्रिटेन वापस ले जाया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार से लॉजिस्टिक परमिशन और आवश्यक मंजूरी मांगी गई है। जल्द ही इसके ट्रांसपोर्ट की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। भारतीय नौसेना के साथ किया था अभ्यास यह विमान भारत के साथ किए गए हालिया संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में भाग लेने के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात था। बताया जा रहा है कि अभ्यास के बाद जब यह विमान एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स पर लौट रहा था, उसी दौरान उसमें तकनीकी गड़बड़ी आ गई और उसे आपात स्थिति में भारत में उतरना पड़ा। अति-आधुनिक युद्धक विमान का भारत में तकनीकी कारणों से फंसना अभूतपूर्व घटना है। इस घटना ने सुरक्षा, कूटनीति और तकनीकी कौशल, तीनों ही स्तरों पर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। हिदायत/ईएमएस 03जुलाई25