03-Jul-2025


अहमदाबाद (ईएमएस)| राजीव गांधी भवन में आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुजरात प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पार्थिवराजसिंह कठवाडिया ने प्रेस के सामने गुजरात राज्य के स्वास्थ्य विभाग में चल रही अनियमितताओं को उजागर किया, जिसके कारण निर्दोष नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, आईकेडीआरसी अस्पताल ने बिना मंजूरी के 2352 मरीजों पर स्टेम सेल थेरेपी नामक क्लीनिकल रिसर्च की है। 1999 से 2017 के बीच स्टेम सेल थेरेपी के तहत 741 मरीजों की जान जा चुकी है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, 91% मामलों में स्टेम सेल थेरेपी विफल रही है। सीएजी के अनुसार 2352 मरीजों में से 2132 मरीजों में स्टेम सेल थेरेपी असफल रही। 569 मरीजों में किडनी ट्रांसप्लांट असफल रहा, जबकि 110 मरीजों में जटिलताएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में एनएसी-एससीआरटी (स्टेम सेल रिसर्च एंड थेरेपी के लिए राष्ट्रीय सर्वोच्च समिति) के आदेश से स्टेम सेल थेरेपी को रोक दिया गया था। एनएसी एससीआरटी के अनुसार, सीएजी ने पाया है कि आईकेडीआरसी द्वारा आईसी एससीआरटी (स्टेम सेल रिसर्च एंड थेरेपी के लिए संस्थागत समिति) की पूर्व स्वीकृति के बिना क्लिनिकल परीक्षण किए गए हैं। 2013 से पहले, आईकेडीआरसी अस्पताल के पास अपनी संस्थागत नैतिकता समिति नहीं थी, इसलिए निर्णय संस्थागत आंतरिक समीक्षा बोर्ड द्वारा लिए जाते थे। इस बोर्ड ने आईसी एससीआरटी और एनएसी एससीआरटी से कोई पूर्व अनुमोदन प्राप्त नहीं किया था, जबकि बोर्ड ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ पंजीकरण नहीं कराया था, जो अनिवार्य था। स्टेम सेल थेरेपी से गुजरने वाले मरीजों का रिकॉर्ड 15 साल तक रखने के राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के बावजूद, क्लीनिकल ट्रायल के साक्ष्य रिकॉर्ड नहीं रखे गए हैं। क्या रिकॉर्ड मिटाने के पीछे कोई साजिश थी? इसकी जिम्मेदारी किसकी है? गुजरात राज्य में निर्दोष नागरिकों पर बिना अनुमति के हमला किया जा रहा है और निर्दोष लोगों की जान जा रही है, सरकार के स्वास्थ्य विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं है? निर्दोष मरीजों की जान के लिए कौन जिम्मेदार है? किसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? यह कहां तक सही है कि गुजरात राज्य के नागरिक बार-बार शिकायत करते हैं कि किडनी अस्पतालों द्वारा विदेशी नागरिकों को किडनी दी जा रही है और निर्दोष मरीजों को बिना अनुमति के नुकसान पहुंचाया जा रहा है? राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोट्टो) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने 2 जुलाई 2025 को ईमेल के माध्यम से गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक को आदेश दिया है कि विदेशी नागरिकों को किडनी दान करने तथा बिना अनुमति के स्टेम सेल थेरेपी के क्लिनिकल परीक्षण करने के दोनों मुद्दों पर 15 दिन के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गुजरात राज्य द्वारा की गई ऐसी गंभीर आपराधिक लापरवाही के लिए कांग्रेस द्वारा सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। ईएमएस/सतीश/03 जुलाई 2025