क्षेत्रीय
04-Jul-2025


जगदलपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) के क्रियान्वयन को लेकर हाल ही में वन विभाग द्वारा जारी निर्देशों से ग्रामीणों में भ्रम की स्थिति बन गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर विभाग ने उक्त आदेश को वापस लेते हुए स्थिति स्पष्ट की है। वन विभाग ने बताया कि 15 मई को प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा जारी पत्र का उद्देश्य केवल मॉडल योजनाओं के आने तक अनुमोदित सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन योजनाओं को लागू करने की एक अंतरिम व्यवस्था थी। हालांकि पत्र में टंकण त्रुटि के कारण वन विभाग को नोडल एजेंसी बताया गया था, जबकि असल में इसे केवल समन्वयक (फैसिलिटेटर) की भूमिका में रहना था। इस त्रुटि को सुधारते हुए 23 जून को शुद्धिपत्र जारी किया गया। विभाग ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत अब तक 4.78 लाख से अधिक व्यक्तिगत और 4,349 सामुदायिक वन अधिकारों के तहत कुल 20 लाख हेक्टेयर से अधिक वन भूमि आवंटित की जा चुकी है। यह राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करता है। वन विभाग ने दोहराया कि वह CFRR के पारदर्शी क्रियान्वयन और आदिवासी समुदायों के सतत सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, वनों के संरक्षण एवं संवर्धन में जनभागीदारी को और अधिक मजबूत करने की दिशा में निरंतर प्रयास करता रहेगा। सत्यप्रकाश(ईएमएस)04 जुलाई 2025