मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई में कबूतरखाने के कारण सांस और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मामले बढ़े हैं और कुछ निवासियों की मौत भी हो चुकी है। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने मुंबई महानगरपालिका को इस संबंध में निर्देश कि एक महीने के भीतर अभियान चलाकर सभी कबूतरखाने बंद करें और लोगों में कबूतरों से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूकता भी पैदा करें। दरअसल मुंबई में 51 कबूतरखाने हैं, जिनमें से कुछ 100 से 150 साल पुराने हैं। इनमें से कुछ बंद हो चुके हैं और कुछ अभी भी चल रहे हैं। दादर में कबूतरखाने को प्राचीन धरोहर संरक्षण श्रेणी में शामिल किया गया है। हालांकि, ये सभी कबूतरखाने निवासियों और मुंबईकरों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो गए हैं। इसलिए मनीषा कायंडे ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान दादर कबूतरखाने सहित मुंबई में सभी कबूतरखाने बंद करने की मांग की। मंत्री सामंत ने इसका जवाब दिया। इस बीच, सदस्य चित्रा वाघ ने भी सदन में कहा कि कबूतरों की बीट से उन्होंने भी अपनी मामी को खो दिया। इस मामले में, उन्होंने कबूतरखाना को बंद करने के लिए महानगर पालिका के के-पश्चिम विभाग कार्यालय से संपर्क किया था। दादर में कबूतरखाना के बारे में शिकायतें मिलने के बाद, मुंबई महानगर पालिका ने इसे दो साल के लिए बंद कर दिया था। सरकार ने कबूतरखाने के आसपास की इमारतों के सदस्यों की एक समिति गठित की थी और क्षेत्र के निवासियों और कबूतरों को खाना खिलाने वाले सभी लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया था। स्वेता/संतोष झा- ०४ जुलाई/२०२५/ईएमएस