04-Jul-2025
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हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई जबलपुर, (ईएमएस)। जबलपुर शहर ने धरती के भगवान कहे जाने वालें एक महान विभूति को खो दिया। पदमश्री डॉ. मुनीशचंद्र डाबर का निधन हो गया| उनका अंतिम संस्कार गुप्तेश्वर मुक्तिधाम में किया गया, जहां चिकित्सा, राजनीति, प्रशासनिक जगत के अलावा समाज के विभिन्न वर्गों से शामिल लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी| इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, पूर्व मंत्री एवं विधायक लखन घनघोरिया, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की| उन्होंने कहा कि डॉ डाबर का निधन न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे एक सच्चे राष्ट्रसेवक, और चिकित्सा जगत के प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन गरीबों, पीड़ितों और वंचितों की सेवा को समर्पित रहा। वर्तमान में चिकित्सा को सेवा नहीं व्यवसाय समझने वालों के लिए आइना थे| उनके विचार, मूल्य और समाज के प्रति उनका समर्पण हम सभी के लिए एक आदर्श हैं। “उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी”........ शहर में गरीबों के मसीहा बने पद्मश्री डॉ. मुनीश चंद्र डाबर की शुक्रवार सुबह मृत्यु हो गई है. इनकी मृत्यु से डॉक्टर्स में शोक की लहर है. वयोवृद्ध डॉ. डाबर ने जीवन भर लोगों की स्वास्थ सेवा की है. इन्होंने सन 1972 से चिकित्सा शुल्क मात्र 2 रुपये से शुरू करने वाले जबलपुर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक थे, जिन्हें 2023 में केंद्र सरकार द्वारा पद्मश्री से विभूषित किया गया था| आप शहर के प्रसिद्ध चेस्ट फिजिशियन डॉ ऋषि डाबर के पिता थे| गौरतलब है कि सेवा भाव में तत्पर रहने वाल डॉ. डाबर ने इस समय भी मरीजों से दस रूपए परामर्श शुल्क लिया था. पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डॉ. एमसी डावर प्रदेश के प्रथम प्रेक्टिशनर डॉक्टर थे. सुनील साहू / मोनिका / 04 जुलाई 2025/ 05.27