ग्वालियर ( ईएमएस ) | सिद्धों की आराधना भक्ति पूर्वक करने से सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है। बहुत ही पुण्यशाली जीव ही इस तरह के आयोजन में सम्मिलित हो सकता है। सिद्धों की भक्ति करने का अवसर बड़े पुण्य से मिलता है। जो आठ दिन अपना सब कार्य छोड़कर केवल विधान में बैठकर भाव पूर्वक भक्ति कर रहें हैं तो इसका फल भी अति फलदायक होगा। जो मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करेगा। यह विचार आचार्य श्री सुबल सागर महाराज ने आज शुक्रवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग में सकल जैन समाज के द्वारा आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान मे धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। आचार्य श्री ने कहा कि सिद्धों की भक्ति और आराधना को कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए। जब भी दर्शन पूजन करें, तो भाव पूर्वक ही करे। जिसक फल भी वैसा प्राप्त होगा। हमें अपने जीवन में जो विरासत में धन, वैभव, सुख सुविधा, स्वस्थ शरीर की प्राप्ति हुई हे वो हमे पूर्वजन्म में किए गए पुण्य से मिला है। जो व्यक्ति मन के धनी होते हैं, जो किस्मत के धनी होते हैं और जिनका पुण्य जोर मारता है, वे ही साक्षात भगवान के दरबार में सिद्धचक्र विधान कर पाते हैं।जो पाप कर्म, तप और त्याग से नहीं कट सकते हैं वो पाप कर्म सिद्धचक्र विधान करने से कटते हैं। आचार्य श्री सुबल सागर महाराज के चरणों का पद प्रक्षालन ओर शास्त्र भेंट श्री मति पुष्पदेवी जैन ने किए। वही शाम को गाजेबाजे के साथ महाआरती बग्गी में विनय स्वीटी कासलीवाल परिवार के निवास दानाओली शुरू होकर कार्यक्रम स्थल नई सड़क चंपाबाग बगीची में पहुंचकर संगीतमय महा आरती भगवान जिनेंद्र की भक्ति नृत्य के साथ की गई। आचार्य श्री के चरणों में श्रीफल चार्तुमास समिति के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र गंगवाल, सचिव निर्मल पाटनी, बालचंद्र जैन, विनय कासलीवाल, वीरेंद्र बाबा, प्रमोद जैन, ईजी राजमल जैन, जितेंद्र जैन, प्रदीप जैन, मुकेश पहाड़िया, पंकज छाबड़ा,आदि ने भेंट किए। संचालन उमेश जैन भिंड ने किया। *इन्द्रो ने कलशों से किया भगवन जिनेंद्र का अभिषेक, मंत्रो के साथ चढ़ाए 16 महाअर्घ्य। आज चढ़ेंगे 32 अर्घ्य।* जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि विधान के तीसरे दिन विधानाचार्य आशीष भैय्या जी ने मंत्रो का उच्चारण कर सौधर्म इन्द्र नरेश रावंक ओर इंद्रगणों ने भगवान जिनेंद्र की प्रतिमा का गर्म प्रसूका जल कलशों में भरकर जयकारों के साथ अभिषेक किया। वही आचार्य श्री रिद्धि सिद्धी मंत्रो से बृहद शांतिधारा अशोक जैन ओर विकास जैन परिवार को करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। संगीतकार ऋषि म्यूजिकल ग्रुप भोपाल के कुलदीप भाई के मधुर भजनों को विशेष रूप से सराहा गया। इंद्र-इंद्राणियों ने भजनों पर भाव विभोर होकर नृत्य किया। विधान में नित्य नियम पूजन के साथ श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान की पूजन कराई गई। विधान में सौधर्म इंद्र ओर इंद्र इंद्रणियों के द्वारा मंडल पर 16 अर्ध समर्पित किए गए। जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि 05 जुलाई शनिवार को विधान की पूजा में 32 अर्घ्य चढ़ाए जायेंगे।