06-Jul-2025
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* इलाज के लिए कई चिकित्सालय घूमने के बाद यहां पहुंचे थे बोधन सिंह कोरबा (ईएमएस) जहां एक ओर परिजन उम्र दराज को लेकर काफी चिंतित थे कि आपरेशन सफल हो सकता है कि नहीं ? हार्निया से पीडित 88 वर्षीय वृद्ध बोधन सिंह जिले के सीमावर्ती क्षेत्र कोरबी निवासी जिसे परिजन एसईसीएल चिकित्सालय के अलावा बिलासपुर व रायपुर तक शल्य चिकित्सा कराने के लिए गये, मगर चिकित्सको ने उम्र का हवाला देते हुए शल्य चिकित्सा नहीं कराने की सलाह दी। परिजनों ने 88 वर्षीय वृद्ध के पेट में दर्द बढ़ते देख कोरबा जिले के रजगामार रोड़ स्थित ओज़ोन न्यूरो सेंटर में संपर्क किया, हालांकि ओज़ोन न्यूरो सेंटर के शल्य चिकित्सक गोविंद यादव के लिए यह शल्य चिकित्सा चुनौती से भरा ही था। ओज़ोन न्यूरो सेंटर के डायरेक्टर व एनेस्थीसिया डॉ. वन्या शुक्ला से उच्च स्तरीय बैठक कर इस चुनौती को स्वीकार करते हुए 88 वर्षीय वृद्ध बोधन सिंह का सफल आपरेशन किया गया। एक सप्ताह पूर्व बोधन सिंह को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है, वर्तमान समय पर 88 वर्षीय बोधन सिंह अपने घर पर स्वास्थ लाभ ले रहे है तो वहीं दुसरी तरफ जहां परिजनों ने पूरी आस छोड़ चुके थे, अब काफी खुश है। बोधन सिंह के परिजनों ने ओज़ोन न्यूरो सेंटर की व्यवस्था तथा चिकित्सको के अलावा पूरे स्टाफ की अच्छी कार्यकुशलता की तारीफ भी की। ओज़ोन न्यूरो सेंटर की डायरेक्टर व एनेस्थीसिया डॉ. वन्या शुक्ला व शल्य चिकित्सक गोविंद यादव ने बताया की उम्र दराज होने के कारण 88 वर्षीय बोधन सिंह की शल्य चिकित्सा करने में कई समस्या थी। उन्होंने बताया कि बोधन सिंह एएसए ग्रेड आईव्ही रोग से ग्रसित थे, जिसमें स्क्लेरोटिक माइट्रल और महाधमनी वाल्व के साथ इजेक्शन अंश 40 प्रतिशत दी गई, दाएं तरफ हर्नियोराफी और हर्नियोप्लास्टी सफलतापूर्वक लैंडमार्क निर्देशित इलियोइंगुइनल, इलियोहाइपोगैस्ट्रिक और जेनिटोफेमोरल तंत्रिका ब्लॉक की पद्धति से की गई। और यह शल्य चिकित्सा सफल रही। 06 जुलाई / मित्तल