इन्दौर (ईएमएस)। एक छोटे से संवाद ने इन्दौर संभाग के कसरावद तहसील के डेडगाँव निवासी युवा किसान अखिलेश के जीवन को बदल दिया। आज से लगभग चार साल पहले, गांव के तालाब पर टहलते हुए मत्स्य निरीक्षक नयन महाले से मिली जानकारी को अखिलेश ने एक बिजनेस आइडिया में बदल दिया, और अब वे इससे सालाना ₹9 लाख तक कमा रहे हैं। :: एक आइडिया की शुरुआत :: अखिलेश ने बताया कि 2021 में उन्होंने स्वयं के खर्च पर अपने खेत में तालाब बनाकर मछली पालन की शुरुआत की। मत्स्य अधिकारी महाले ने उन्हें मछली पालन की तकनीकें और योजनाओं के बारे में बताया, जिससे प्रेरित होकर अखिलेश ने इस दिशा में कदम बढ़ाया। महाले हर 15 दिन में तकनीकी मार्गदर्शन के लिए आते रहे, जिससे अखिलेश को काफी मदद मिली। :: हाई डेंसिटी तकनीक से व्यवसाय का विस्तार :: मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में, अखिलेश ने 1 एकड़ जमीन पर 3 तालाबों से अपना हाई डेंसिटी तकनीक पर आधारित मछली पालन का व्यवसाय स्थापित किया। वे बताते हैं कि शुरुआत में उन्होंने आंध्र प्रदेश से फंगस प्रजाति के मछली के बीज लाकर नर्सरी बनाई। जब ये बीज बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें बड़े तालाबों में स्थानांतरित कर दिया जाता है। मछलियों की विशेष देखभाल की जाती है और उन्हें निर्धारित दाना दिया जाता है। जब मछलियाँ 800 ग्राम से 1 किलोग्राम की हो जाती हैं, तो उन्हें बेचने की तैयारी की जाती है। अखिलेश की मछलियाँ इन्दौर, उज्जैन, खंडवा, धार सहित स्थानीय बाजारों में भी खूब पसंद की जाती हैं। :: युवाओं के प्रेरणास्रोत बने अखिलेश, विभाग ने तैयार किया बिजनेस विस्तार का प्रस्ताव :: अखिलेश की सफलता और अनोखी पहल से उनके गाँव के दो अन्य युवक भी प्रेरित हुए हैं और उन्होंने भी स्थानीय स्तर पर मछली पालन का काम शुरू किया है। मत्स्य विभाग ने अखिलेश की लगन को देखते हुए, उन्हें अपने व्यवसाय को और बड़ा स्वरूप देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत एक प्रस्ताव तैयार किया है। इससे अखिलेश के व्यवसाय को एक उद्योग का रूप मिल सकेगा और वे अपनी सफलता को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकेंगे। प्रकाश/6 जुलाई 2025