06-Jul-2025
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इन्दौर (ईएमएस)। पिछड़ा वर्ग के उत्थान और सशक्तिकरण के प्रयासों की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इन्दौर की रेसीडेंसी कोठी में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति का आकलन करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी, जिसमें आयोग ने पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने पर विशेष बल दिया। बैठक में बुरहानपुर कलेक्टर हर्ष सिंह, जिला पंचायत इन्दौर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, और कमिश्नर कार्यालय इन्दौर की डिप्टी कमिश्नर श्रीमती सपना लौवंशी विशेष रूप से मौजूद रहीं। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, इन्दौर के सहायक संचालक अनिल कुमार सोनी ने संभागीय योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में अब तक 51,669 विद्यार्थियों को ₹120.75 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है। सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत एमपीपीएससी और यूपीएससी में चयनित 230 विद्यार्थियों को ₹40.30 लाख की राशि प्रदान की गई है। वहीं, विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में 23 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। :: आयोग अध्यक्ष ने पारदर्शिता पर दिया जोर :: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने योजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाने पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से एमबीबीएस पाठ्यक्रम और विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति में आय एवं जाति प्रमाण-पत्रों की सत्यता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस संबंध में उन्होंने तत्काल प्रगति प्रतिवेदन भी तलब किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आयोग लाभार्थियों की वास्तविक पहचान और पात्रता को लेकर गंभीर है। बैठक में आयोग के वरिष्ठ सलाहकार राजेश कुमार यादव ने प्रशासनिक समीक्षा प्रस्तुत की, जिसमें योजनाओं के क्रियान्वयन और चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस अवसर पर सलाहकार रामायण कुमार, अतिरिक्त निदेशक सचिव प्रणव बेंबी, सहायक निजी सचिव राजवीर चौधरी, और अनुभाग अधिकारी महेंद्र कुमार मीणा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रकाश/6 जुलाई 2025