नई दिल्ली(ईएमएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में अप्रूव्ड 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के 2027 के आसपास लागू होने की उम्मीद है। इससे पूरे भारत में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव होगा। हालांकि, आधिकारिक टर्म्स ऑफ रेफरेंस, अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को अंतिम रूप दिए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 1.2 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने वेतन और पेंशन में संशोधन का इंतजार कर रहे हैं। वेतन कितना बढ़ेगा इसे उदाहरण से समझा जा सकता है, वेतन लेवल 1 के कर्मचारी, जो वर्तमान में रु 18,000 का मूल वेतन कमा रहे हैं, उन्हें रु 51,480 तक का लाभ हो सकता है। वहीं, लेवल 2 के कर्मचारियों को रु 19,900 से ₹56,914 तक का लाभ हो सकता है। लेवल 3 के कर्मचारियों को रु 21,700 से बढ़कर रु 62,062 मिल सकते हैं। लेवल 6 पर, मूल वेतन रु 35,400 से बढ़कर रु 1 लाख से अधिक हो सकता है, जबकि एंट्री लेवल के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों सहित स्तर 10 के अधिकारियों को रु 56,100 से रु 1.6 लाख तक का लाभ हो सकता है। 8वां वेतन आयोग क्या है? वेतन आयोग भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए आयोजित एक आवधिक अभ्यास है। यह न केवल सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन और भत्तों को प्रभावित करता है, बल्कि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को भी प्रभावित करता है। 8वां वेतन आयोग 7वें सीपीसी की जगह लेगा, जिसे 2016 में लागू किया गया था। सीपीसी की सिफारिशों के मूल में पे मैट्रिक्स है, एक ऐसी सिस्टम जो सर्विस के स्तरों और सालों के आधार पर सैलरी तय करती है। फिटमेंट फैक्टर, जो नए मूल वेतन पर पहुंचने के लिए मौजूदा वेतन को गुणा करता है, को 2.57 (7वें सीपीसी के तहत) से बढ़ाकर 8वें सीपीसी के तहत 2.86 किए जाने की उम्मीद है। वीरेंद्र/ईएमएस/07जुलाई2025