नई दिल्ली (ईएमएस)। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर 66 दलित, पिछड़े और आदिवासी छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति से वंचित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से फंड की कमी का बहाना किया जा रहा है, जबकि विदेश यात्राओं पर अरबों रुपये खर्च किए जाते हैं। यह बहुजनों के साथ भेदभाव और शिक्षा के अधिकार का हनन है। मनुवादी सोच आज फिर से एकलव्य का अंगूठा मांग रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विदेश में पढ़ने के लिए दी जाने वाली स्कॉलरशिप से जुड़े एक मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, जब कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र पढ़ना चाहता है, तभी मोदी सरकार को बजट याद आता है। नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप में चयनित 106 में से 66 वंचित छात्रों को सिर्फ इसलिए विदेश में पढ़ने की स्कॉलरशिप नहीं दी गई क्योंकि सरकार के पास ‘फंड नहीं’ है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं, प्रचार और इवेंटबाजी पर हजारों करोड़ रुपये बेहिचक खर्च किए जाते हैं। बीजेपी-आरएसएस नेताओं के बच्चों को कहीं पढ़ने पर कोई अड़चन नहीं है। मगर, जैसे ही कोई बहुजन छात्र आगे बढ़ता है, पूरा सिस्टम अड़ंगा लगाने लगता है। कहीं सरकारी स्कूलों को कम कर देना, कहीं बेवजह कहकर अवसर के दरवाजे बंदकर देना तो कहीं मेहनत से हासिल स्कॉलरशिप छीन लेना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ये सिर्फ अन्याय नहीं, भाजपा का खुला बहुजन शिक्षा विरोध है। यही मनुवादी सोच आज फिर से एकलव्य का अंगूठा मांग रही है। मोदी सरकार को यह अमानवीय फैसला तुरंत पलटना होगा और इन 66 छात्रों को विदेश भेजना ही होगा। हम बहुजनों से शिक्षा का यह मौलिक अधिकार छिनने नहीं देंगे। इस मामले के साथ ही राहुल गांधी ने बिहार में गोपाल खेमका हत्याकांड पर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की सरेआम गोली मारकर हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा और नीतीश कुमार ने मिलकर बिहार को ‘भारत की क्राइम कैपिटल’ बना दिया है। आज बिहार लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा है। उन्होंने कहा, अपराध यहां नया नॉर्मल बन चुका है और सरकार पूरी तरह नाकाम। बिहार के भाइयों और बहनों, यह अन्याय अब और नहीं सहा जा सकता, जो सरकार आपके बच्चों की सुरक्षा नहीं कर सकती, वह आपके भविष्य की जिम्मेदारी भी नहीं ले सकती। हर हत्या, हर लूट, हर गोली एक चीख है बदलाव की। अब वक्त है एक नए बिहार का जहां डर नहीं, तरक्की हो। इस बार वोट सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बिहार को बचाने का है। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/08/ जुलाई /2025