* गुजरात सरकार ने पशुपालकों को 700 रुपये मूल्य का सेक्स-सॉर्टेड वीर्य मात्र 50 रुपये में उपलब्ध कराया अहमदाबाद (ईएमएस)| राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि यदि गुजरात के पशु चिकित्सा अधिकारी, पशुधन निरीक्षक और पशुपालन विभाग के अधिकारी अपने काम को सिर्फ नौकरी या कर्तव्य नहीं, बल्कि एक मिशन मानें और नए उत्साह और नई सोच के साथ काम करें, तो गुजरात गौ-संवर्धन में क्रांति ला सकेगा। इससे देश को नई प्रेरणा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय देशी गायों की नस्ल सुधार से क्रांति आएगी। सेक्स सॉर्टेड सीमेन से देश में क्रांति आएगी। गुजरात सरकार 700 रुपए कीमत का सेक्स सॉर्टेड सीमेन मात्र 50 रुपए में पशुपालकों को उपलब्ध करा रही है, जो अत्यंत सराहनीय है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गौ प्रजनन प्रशिक्षण शिविर में राज्य के पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं पशुधन निरीक्षकों को मार्गदर्शन दिया। राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है जब राज्यपाल ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को राज्यभर में मार्गदर्शन दिया है। राजभवन में आयोजित शिविर में अहमदाबाद, गांधीनगर, साबरकांठा, अरावली, खेड़ा और महिसागर जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया, जबकि राज्य के अन्य जिलों के 1800 से अधिक पशुपालन अधिकारी और कर्मचारी ऑनलाइन वर्चुअल रूप से शामिल हुए। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुपालन और कृषि एक दूसरे के पूरक हैं। वर्तमान परिवेश में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और प्रकृति के लिए गंभीर संकट उत्पन्न हो रहा है। तब केवल प्राकृतिक खेती पद्धति ही सभी समस्याओं का समाधान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय मिशन बना दिया है। प्राकृतिक कृषि प्रणाली देशी गायों के बिना संभव नहीं है। किसानों द्वारा देशी गायों का पालन-पोषण किए जाने पर ही प्राकृतिक खेती सफल होगी तथा देशी गायें उत्पादक एवं लाभदायक बनेंगी, तभी पशुपालक गौपालन को अपनाएंगे। देशी गायों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उनकी नस्ल में सुधार करना आवश्यक है। इसके लिए पशुपालन विभाग को मिशन भाव से काम करना जरूरी है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का ईमानदार प्रयास पशुपालन को दस साल आगे ले जाएगा, अन्यथा पशुपालन 10 साल पीछे रह जाएगा। राज्यपाल आचार्य देवव्रत खुद भी एक बेहतरीन पशुपालक हैं। उनके गृहनगर कुरुक्षेत्र-हरियाणा में उनकी गौशाला में करीब 400 गायें हैं। वे खुद भी कई सालों से देसी गायों की नस्ल सुधारने के प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली है। नस्ल सुधार विशेषज्ञ राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पशु चिकित्सा अधिकारियों और पशुधन निरीक्षकों को गाय प्रजनन पर प्रशिक्षण देते हुए कहा कि लिंग-सॉर्टेड वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान की सफलता दर बढ़ाने के लिए उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। उन्होंने मेहसाणा जिले में यह दर 50% होने की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात में यह दर 60 या 70% तक बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का यह काम तभी परिणाम देगा जब इसे पूरी प्रतिबद्धता और लगन के साथ किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति पर व्यवस्थित मार्गदर्शन भी दिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले पशुपालन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजभवन में सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। आचार्य देवव्रत ने गायों में रोगों के नियंत्रण के लिए होम्योपैथी एवं आयुर्वेदिक दवाओं के विशेष प्रयोग पर बल दिया तथा पशुओं को दिए जाने वाले आहार में पौष्टिक तत्वों का विशेष ध्यान रखने का अनुरोध किया। उन्होंने गुजरात में देशी गायों की नस्ल सुधारने के लिए दूध उत्पादक संघों और डेयरियों द्वारा किए जा रहे काम की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सेक्स सॉर्टेड सीमन और भ्रूण प्रणाली के ईमानदार प्रयासों के कारण अगले चार साल में देशी गायें सड़कों पर नहीं दिखेंगी। उन्होंने कहा कि अच्छी नस्ल की बछिया एक परिवार का भरण-पोषण करने की क्षमता रखती है। यदि ऐसा हो जाए तो अच्छी नस्ल की गायों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने का अनुरोध किया। इस शिविर में कृषि, पशुपालन और गोपालन मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के विकास के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में भागीदारी करने के लिए गुजरात मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना बहुत महत्वपूर्ण है। वर्तमान में पशुपालन देश की जीडीपी में 5.5% का योगदान देता है, जिसकी कीमत 13.55 लाख करोड़ रुपये है। देश का कुल दूध उत्पादन 11.16 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है, जो गेहूं और चावल के मूल्य से भी अधिक है। देश के कुल दूध उत्पादन में गुजरात राज्य का योगदान 7.5% है, जिसे राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक बढ़ाकर 10% करने का निर्णय लिया है। मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार पशुपालन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। अगर राज्य में उच्च गुणवत्ता वाली देशी गायों का प्रजनन बढ़ेगा तो प्राकृतिक खेती का प्रसार भी तेजी से बढ़ेगा। मंत्री ने पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपील की कि वे राज्य में गौ-संवर्धन के भागीरथ कार्य में शामिल होकर पूरी ईमानदारी से कार्य करें। सतीश/08 जुलाई