08-Jul-2025
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- पहले 3 साल की मिली थी सजा, सजा माफी की अपील करने पर बढ़ गई सजा भोपाल(ईएमएस)। राजधानी की जिला अदालत में आबकारी विभाग के सेवानिवृत्त उपायुक्त विनोद रघुवंशी को फर्जी दस्तावेज के अधार पर कंपनी के हिस्सेदारों को लाभ पहुंचाने के मामले में अब चार साल की सजा के साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। पहले इस मामले में 29 अगस्त 2023 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोनों आरोपी विनोद रघुवंशी और ओपी शर्मा को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद आरोपियों ने सजा कम कराने के लिए सेशन कोर्ट में शासन और अजय अरोरा के खिलाफ अपील लगाई थी। फरियादी अजय की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट विजय चौधरी ने इस मामले में रिवीजन लगाई कि आरोपियों को हुई तीन साल की सजा कम है। ऐसे में अपराध को देखते हुए उनकी सजा बढ़ाई जाए। इसके बाद कोर्ट ने सभी तर्कों और दस्तावेजों के आधार पर आरोपी विनोद रघुवंशी की सजा को एक साल बढ़ाकर चार साल कर दिया है। वहीं, आरोपी ओपी शर्मा की सजा को एक साल कम कर दो साल कर दिया है। आरोपियों ने शराब कंपनी के हिस्सेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए एक हिस्सेदार का नाम नकली पार्टनरशिप डीड के जरिए हटा दिया था। घटना के समय आरोपी विनोद रघुवंशी जिला आबकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। मामले में जानकारी के मुताबिक फरियादी अजय अरोरा ने आरोपियों के खिलाफ निजी शिकायत की थी। उन्होनें बताया की 5 मार्च 2002 उन्होनें अशोक ट्रेडर्स फर्म में हिस्सेदारी ली थी, और पार्टनरशिप डीड तैयार हुई थी। वह 18 प्रतिशत के हिस्सेदार थे। 6 मार्च 2022 को फर्म ने आबकारी के ठेके की नीलामी में हिस्सा लिया। आबकारी ने ठेके की नीलामी स्वीकार कर फर्म को ठेका आवंटित कर दिया। इससे फर्म को शराब के व्यवसाय का लाइसेंस मिल गया। आरोपी विनोद रघुवंशी और ओपी शर्मा ने धोखाधड़ी कर 6 मार्च 2003 की नकली पार्टनरशिप डीड तैयार कर अजय को हिस्सेदारी से बाहर कर दिया। आरोपियों ने फर्म के अन्य पार्टनर को लाभ पहुंचाने के लिए 6 मार्च से 11 मार्च 2003 के बीच भोपाल आबकारी कार्यालय के रिकॉर्ड में अजय का नाम हटाकर नकली पार्टनरशिप डीड लगा दी थी। पहले हुई तीन साल की सजा होने पर तुरंत जमानत मिल गई थी। लेकिन अब कोर्ट द्वारा सजा को बढ़ाकर चार साल का निर्णय दिये जाने और अपीलीय न्यायलय द्वारा अपील को खारिज किये जाने के बाद विनोद रघुंवशी का जेल जाना तय माना जा रहा है। जुनेद / 8 जुलाई