08-Jul-2025


नर्मदा और बरगी बांध सहित जलाशयों का जलस्तर बढ़ा जबलपुर, (ईएमएस)। सोमवार की रात में हुई ताबड़तोड़ बारिश ने लोगों का दिल दहला दिया। रात भर में करीब 2 इंच हुई ताबड़तोड़ बारिश ने शहर में चारों ओर पानी ही पानी कर दिया। गली-कूचे, कालोनी में सब जलप्लावन का शिकार हो गये। नाले उफना गये। सड़कों पर पानी भर गया। मंगलवार की सुबह से मौसम खुला और एक हफ्ते बाद भगवान सूर्यदेव के दर्शन भी हुए, धूप निकल आई और उमस बढ़ने लगी। इसी बीच दोपहर में फिर बादल छाए और रूक रूककर बारिश हुई। शाम तक मौसम ठण्डा हो गया था। मौसम विभाग का कहना है कि जबलपुर में मानसून सक्रिय है। शाम को फिर बूंदाबांदी होने लगी थी। दिन रात यही क्रम चलता रहा। शहर में हो रही जोरदार बरसात का कच्ची इमारतों पर खासा दुष्प्रभाव पड़ रहा है। बस्तियां जलमग्न हो गईं। आनंद नगर कालोनी में लोगों के घरों में घुटनों तक पानी भर गया। नर्मदा का जलस्तर भी बढ़ गया है, पानी से उमाघाट भी डूब चुका है और बरगी बांध का जलस्तर भी बढ़कर 419.50 मीटर तक पहुंच गया है। लगातार बारिश के बाद कई बस्तियां पानी में डूब गईं। मंगलवार की सुबह जब पानी की झड़ी टूटी तो लोगों ने राहत की सांस ली। बरसात का ब्रेक मिलने पर लोगों ने कपड़े सुखाए और घरों के आसपास जमा पानी भी धीरे धीरे करके निकला। पूरा शहर लगातार बारिश से कीचड़ में लथपथ था। हुदहुद चक्रवात की वजह से भारी वर्षा हुई। उड़ीसा से आए मानसूनी बादल अभी सक्रिय हैं और अगले २४ घंटों के दौरान जिले में भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान नगर का अधिकतम तापमान 29.08 डिग्री सेल्सियस सामान्य से 3 डिग्री कम दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस सामान्य से 2 डिग्री कम रिकार्ड किया गया। हवा में नमी प्रातकाल 93 प्रतिशत और सायंकाल 87 प्रतिशत दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों के दौरान 50 मिमी (2 इंच) वर्षा के बाद 1 जून से आज तक कुल वर्षा का आंकड़ा 441.0 मिमी (लगभग 17.6 इंच) दर्ज किया जा चुका है। दक्षिणी पश्चिमी हवाएं 4 से 5 किलोमीटर की रफ्तार से चली। सूर्योदय सुबह 5.32 बजे और सूर्यास्त शाम 7.00 बजे हुआ। गत वर्ष आज के दिन वर्षा 16.2 मिमी हुई थी। जबकि कुल वर्षा 238.9 मिमी दर्ज की गई थी। गत वर्ष आज के दिन अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री दर्ज किया गया था। अगले 24 घण्टे के दौरान संभाग के अनेक स्थानों पर गरज चमक के साथ पानी की बौछारें पड़ सकती हैं। सुनील साहू / मोनिका / 08 जुलाई 2025/ 06.58