पाकिस्तान को दुबारा विश्वास में लेने के लिए तुर्की के दो मंत्री पहुंचे इस्लामाबाद (ईएमएस)। भारत के हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में तुर्की और चीन के हथियारों की विफलता ने आंतकी देश पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है। भारत के तेज और सटीक सैन्य कार्रवाई के सामने चीनी मिसाइलें, फाइटर जेट्स, और तुर्की के ड्रोन बेअसर साबित हुए, इससे तिकड़ी की सैन्य साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस लेकर अब तुर्की ने पाकिस्तान को दुबारा विश्वास में लेने के लिए अपने दो प्रमुख मंत्रियों को इस्लामाबाद भेजा है। तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान और रक्षा मंत्री यासिर गुलेर इस्लामाबाद पहुंचे। वे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रक्षा अधिकारियों से साझा रणनीतिक और सैन्य सहयोग पर बातचीत कर रहे हैं। तुर्की का मुख्य मकसद है पाकिस्तान को यह भरोसा दिलाना कि आने वाले दिनों में वह फिर से बेहतर और विश्वसनीय रक्षा सहायता दे सकता है। दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सैन्य रणनीति ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया, लेकिन तुर्की के ड्रोन सिस्टम सही से काम नहीं कर सके, चीन के रडार और मिसाइल निष्क्रिय साबित हुए। इसके बाद पाकिस्तान को झटका लगा कि जिन तकनीकों पर भरोसा किया था, वे युद्ध के समय पर भारतीय सेना के सामने फेल हो गईं। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तुर्की और चीन के हथियारों की छवि को नुकसान पहुंचा। इस यात्रा को तुर्की और पाकिस्तान के गहरे सामरिक रिश्तों की पुष्टि के तौर पर देखा जा रहा है। तुर्की की यह पहल दिखाती है कि वहां भारत के सामने अपनी सैन्य साख की छवि को बचाना चाहता है। साथ ही चीन भी बैकडोर चैनलों से पाकिस्तान को समझाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी रणनीतिक सोच पर गहरा असर पड़ा है। अब जिन्ना का देश ये सोचने पर मजबूर है कि अगली बार युद्ध हुआ, वहां किसके हथियारों पर भरोसा करे? आशीष दुबे / 09 जुलाई 2025