अहमदाबाद (ईएमएस)| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास भी, विरासत भी के मंत्र को साकार करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और इसकी सामाजिक स्वीकार्यता के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य में संस्कृत भाषा को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड की पांच योजनाओं का शुभारंभ किया है। 1. संस्कृत सप्ताह योजना संस्कृत सप्ताह योजना के अंतर्गत, संस्कृत-आधारित वातावरण बनाने के उद्देश्य से, गुजरात भर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संगठनों द्वारा 6 से 13 अगस्त, 2025 तक संस्कृत सप्ताह मनाया जाएगा। योजना पंचकम के इस आयोजन के दौरान राज्य में संस्कृत भाषा के बारे में जन जागरूकता फैलाने के लिए संस्कृत गौरव यात्रा, संस्कृत संभाषण दिवस, संस्कृत साहित्य दिवस जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 2. संस्कृत संवर्धन सहायता योजना संस्कृत संवर्धन सहायता योजना के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थाओं, सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों एवं अन्य संस्थाओं को संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु सम्मेलन, प्रशिक्षण वर्ग, कार्यशालाएं, अनुसंधान आदि गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। 3. संस्कृत प्रोत्साहन योजना संस्कृत प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत, उन विद्यालयों/संस्थानों को नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र जैसे प्रोत्साहन दिए जाएँगे जहाँ सभी विद्यार्थी कक्षा 10 में संस्कृत विषय का अध्ययन करते हैं। 4. श्रीमद्भगवद्गीता योजना श्रीमद्भगवद्गीता योजना के अंतर्गत नागरिकों को राष्ट्रीय, मानवीय और सांस्कृतिक मूल्यों का ज्ञान प्रदान करने वाली पुस्तक भगवद्गीता से परिचित कराने का प्रयास किया जाएगा और इसे कंठस्थ करने पर प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। 5. शत सुभाषित कंठ पाठ योजना शत सुभाषित कंठ पाठ योजना के अंतर्गत, उत्कृष्ट नागरिकों के विकास हेतु नैतिक मूल्यों की प्रेरणा देने वाले लगभग 100 सुभाषितों को समाज में स्थापित किया जाएगा तथा उन्हें कंठस्थ करने वाले नागरिकों को सम्मानित किया जाएगा। सतीश/09 जुलाई