09-Jul-2025
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भोपाल/इंदौर (ईएमएस)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय भोपाल में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें कैम्पा निधि के उपयोग, बिजली वितरण कंपनियों में बड़े पैमाने पर पदों के सृजन, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, किसानों के सिंचाई जलकर में ब्याज माफी और ग्रीष्मकालीन मूंग-उड़द खरीद से जुड़े अहम फैसले शामिल हैं। :: कैम्पा निधि के लिए ₹1038 करोड़ के उपयोग की स्वीकृति :: मंत्रि-परिषद ने प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के तहत वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना में अनुमोदित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए ₹1478.38 करोड़ में से ₹1038 करोड़ के उपयोग को मंजूरी दी है। इस राशि का 80% वन और वन्यप्राणी प्रबंधन पर, जबकि 20% वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर खर्च किया जाएगा। इसके तहत विगत वर्षों के कार्यों का रखरखाव, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के पुनर्जीवन के लिए वनीकरण, मृदा व जल संरक्षण, ग्रामीणों की आजीविका के लिए बांस प्रजाति सहित वृक्षारोपण, वन्यप्राणी संरक्षित क्षेत्रों से स्वैच्छिक विस्थापन, रहवास विकास, नगर वनों की स्थापना और ग्रामीणों की क्षमता विकास जैसे कार्य किए जाएंगे। :: विद्युत वितरण कंपनियों में 49,263 नए नियमित पदों को मंजूरी :: तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की संगठनात्मक संरचना में 49,263 नए नियमित पदों सहित कुल 77,298 पदों के सृजन को स्वीकृति मिली है। इस निर्णय के तहत पूर्व स्वीकृत 17,620 अनुपयोगी पदों को समाप्त किया गया है और 5,650 डाइंग कैडर पदों को भी कार्यरत कार्मिकों की सेवानिवृत्ति या त्यागपत्र के बाद समाप्त किया जाएगा। कंपनियों द्वारा सीधी भर्ती के लिए रिक्त पदों की गणना करते समय इन समाप्त किए गए पदों को ध्यान में रखा जाएगा। संविदा पर कार्यरत कर्मचारी तब तक कार्य कर सकेंगे जब तक वे आयु सीमा पूरी नहीं करते या नियमित पद पर चयनित नहीं हो जाते। ऊर्जा विभाग को संगठनात्मक संरचना के अनुरूप कर्मचारियों की समय-समय पर भर्ती के लिए अधिकृत किया गया है। :: 66 नए आंगनबाड़ी केंद्र और 134 पदों का सृजन :: मंत्रि-परिषद ने सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, संचालन और भवन निर्माण को मंजूरी दी है। इसके संचालन के लिए 66 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (मानसेवी), 66 आंगनबाड़ी सहायिका (मानसेवी) और पर्यवेक्षण के लिए 2 नियमित पर्यवेक्षक पदों (वेतनमान ₹25,300-80,500) के सृजन को भी स्वीकृति मिली है। वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक इस योजना पर अनुमानित ₹15.21 करोड़ का व्यय होगा, जिसमें ₹9.55 करोड़ केंद्रांश और ₹5.66 करोड़ राज्यांश शामिल है। :: किसानों के सिंचाई जलकर का ब्याज माफ करने का निर्णय :: प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए मंत्रि-परिषद ने सिंचाई जलकर की बकाया राशि पर लगे ब्याज (शास्ति दण्ड) को माफ करने का निर्णय लिया है। यदि किसान 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया मूल राशि (सिंचाई जलकर) को 31 मार्च 2026 तक एक साथ जमा करते हैं, तो लगभग ₹84.17 करोड़ की ब्याज राशि माफ कर दी जाएगी। 31 मार्च 2025 की स्थिति में किसानों पर कुल ₹647.67 करोड़ का सिंचाई जलकर बकाया है, जिसमें ₹563.29 करोड़ मूल राशि और ₹84.17 करोड़ ब्याज राशि है। :: ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन को स्वीकृति :: मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति और रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्म मूंग की स्वीकृति प्रदान की है। ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग और उड़द का पंजीकृत किसानों से उपार्जन म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किया जाएगा। :: अन्य महत्वपूर्ण निर्णय :: - लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल का विकास : भोपाल के लेक व्यू रेसीडेंसी होटल के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए PPP (जन-निजी भागीदारी) मॉडल पर निजी निवेशक को लीज पर भारित पंजीकरण व मुद्रांक शुल्क की प्रतिपूर्ति पर्यटन विभाग के बजट से करने का अनुमोदन किया गया। - नवीन राजस्व संभागों में कार्यालय और पदों का सृजन : संचालनालय, स्थानीय निधि संपरीक्षा के अंतर्गत तीन नए राजस्व संभागों (नर्मदापुरम, चंबल और शहडोल) में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने और चार नवगठित जिलों (निवाड़ी, मैहर, मऊगंज और पाढुर्णा) के लिए कुल 7 सहायक संचालक पदों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। - विद्युत क्रय अनुबंधों की समाप्ति : मंत्रि-परिषद ने एमपीपीएमसीएल द्वारा पूर्व में मात्र वेरिएबल दर पर (5 या 10 प्रतिशत) विद्युत क्रय के लिए निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंधों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके तहत विकासकों से ₹10 लाख प्रति मेगावाट की प्री-इस्टीमेटेड लिक्विडेटेड डेमेजेस की वसूली की जाएगी, जिसके बाद उनकी बैंक गारंटी वापस की जाएगी। - भारतीय स्टांप (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2025 : इस विधेयक का अनुमोदन किया गया है, जिसके तहत मूल्य सूचकांक में परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में कुछ लेनदेन पर देय शुल्क में विशिष्ट प्रावधान किए जाएंगे। इससे लगभग ₹212 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। प्रकाश/9 जुलाई 2025