:: हर बार कुछ नया करने की कोशिश करता हूँ : राजकुमार राव इंदौर (ईएमएस)। अभिनेता राजकुमार राव ने अपनी आगामी फिल्म मालिक के बारे में बताते हुए कहा कि यह फिल्म 1980 के दशक के इलाहाबाद की पृष्ठभूमि पर आधारित एक तीव्र एक्शन एंटरटेनर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह महत्वाकांक्षा, सत्ता और अस्तित्व की एक जबरदस्त कहानी है, जो दिखाती है कि बंदूकें, लालच और वफादारी के जंगल में ऊपर उठने की आखिर क्या कीमत चुकानी पड़ती है। :: रियल लोकेशन पर शूटिंग, भाषा और लहजे पर खास मेहनत :: फिल्म की शूटिंग लोकेशन के बारे में बताते हुए राजकुमार राव ने कहा, हमने लखनऊ में उन्नाव, कानपुर और रायबरेली के इर्द-गिर्द बहुत सारे गांवों में शूटिंग की, क्योंकि यह 1980 के दशक की कहानी है। उस दौर में जो जगहें ऐसी लगती थीं, वहीं पर शूटिंग की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया, सब रियल लोकेशन हैं। हमने कहीं सेट नहीं बनाया है। उन जगहों पर जाकर शूटिंग की है। फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहीं मानुषी छिल्लर ने अपने किरदार के लिए भाषा और उसके डायलेक्ट पर की गई मेहनत का जिक्र किया। उन्होंने बताया, फिल्म के संवाद और डायलेक्ट के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। एक ऐसे एरिया की भाषा जहाँ आप पले-बढ़े हो, वहाँ का एक अलग डायलेक्ट होता है। यह छोटी-छोटी चीजें लगती हैं, लेकिन मुझे ऐसा कैरेक्टर प्ले करके अच्छा लगा, क्योंकि कहीं न कहीं यह एक तरह का चैलेंज होता है। एक कलाकार के रूप में आपकी कितनी सच्चाई से अपने किरदार के साथ न्याय कर पाते हो, यहीं पर असल चुनौती आती है। उन्होंने कहा कि साधारण दिखने वाले किरदार को असल और जीवंत बनाना बहुत बड़ी चुनौती होती है, और डायलॉग की तैयारी, स्थानीय लहजे को पकड़ना और एक रियल किरदार की सच्चाई को पर्दे पर उतारने का अनुभव एक कलाकार के लिए अत्यंत मूल्यवान होता है। :: कोई फिक्स्ड इमेज नहीं चाहता : राजकुमार राव राजकुमार राव ने अपने अभिनय दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा, मैं अपनी कोई फिक्स्ड इमेज नहीं बनाना चाहता। हर बार कुछ नया करने की कोशिश करता हूँ ताकि दर्शक भी चौंकें और मैं भी। :: निर्देशक पुलकित ने बताया थिएटर का महत्व :: फिल्म के निर्देशक पुलकित ने ओटीटी और थिएटर फिल्म के अनुभव पर बात करते हुए कहा कि बड़े पर्दे और ओटीटी के लिए फिल्म बनाने में तकनीक लगभग एक ही रहती है, लेकिन थिएटर के हिसाब से साउंड इंजीनियरिंग का अलग स्टाइल रहता है। उन्होंने जोर दिया, थिएटर का मजा एक साथ बैठकर फिल्म देखने में है। एक्शन फिल्में जब तक बड़े पर्दे और लाउड साउंड में न देखी जाएं, मजा अधूरा रह जाता है। थिएटर एक सामूहिक अनुभव है। 300 लोग साथ में देखते हैं। इसलिए हम साउंड, फ्रेम, स्केल – सबमें कुछ एक्स्ट्रा करते हैं। राजकुमार राव ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ फिल्में मोबाइल में नहीं, सिर्फ बड़े पर्दे पर ही असली मजा देती हैं। मालिक का निर्देशन पुलकित ने किया है, जिन्हें उनके हार्ड-हिटिंग थ्रिलर्स और इमोशनल ड्रामा के लिए जाना जाता है। इसे कुमार तौरानी (टिप्स फिल्म्स) और जय शेवकरमणि (नॉर्दर्न लाइट्स फिल्म्स) ने प्रोड्यूस किया है। यह फिल्म 11 जुलाई, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होकर धूम मचाने के लिए तैयार है। प्रकाश/10 जुलाई 2025