रायपुर(ईएमएस)। खुद को जीएसटी अधिकारी बताने वाले फर्जी शख्स अनिल गुप्ता ने राजधानी स्थित सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी का नाम दुर्ग के एक व्यवसायी से जुड़े बहुचर्चित रिश्वत मामले में सामने आया था। सरेंडर की जानकारी मिलते ही सीबीआई ने अदालत में आवेदन देकर आरोपी को हिरासत में लेने की अनुमति मांगी, जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने अनिल गुप्ता को 14 जुलाई तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। बात दे कि 28 जनवरी को दुर्ग के कारोबारी लालचंद अठवानी की कंपनी ‘द वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी’ पर केंद्रीय जीएसटी की टीम ने छापा मारा था। जांच के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए और अनियमितताएं सामने आईं। आरोप है कि रायपुर में पदस्थ जीएसटी अधीक्षक भरत सिंह ने मामले को निपटाने के एवज में 34 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। यह मांग एक निजी व्यक्ति विनय राय के माध्यम से कारोबारी तक पहुंचाई गई। कारोबारी ने इस मामले की शिकायत सीबीआई से की। सीबीआई ने योजना बनाकर आरोपी अधिकारी को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। लालचंद को 5 लाख रुपये केमिकल लगे नोटों के साथ वीआईपी रोड पर बुलाया गया, जहां भरत सिंह को पैसे लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई की पूछताछ में एक तीसरे व्यक्ति “मिश्रा” का नाम सामने आया, जो खुद को जीएसटी अधिकारी बताता था और इस लेन-देन में अहम भूमिका निभा रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि “मिश्रा” वास्तव में अनिल गुप्ता है, जो किसी भी रूप में जीएसटी विभाग से संबद्ध नहीं है, लेकिन विभागीय अधिकारी बनकर पूरे मामले में सक्रिय था। सीबीआई अब अनिल गुप्ता से पूरे रैकेट, अन्य संलिप्त व्यक्तियों और पूर्व में की गई संभावित ठगी के मामलों को लेकर पूछताछ कर रही है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)11 जुलाई 2025