व्यापार
11-Jul-2025


- भारत भी रूस से तेल खरीदने रुपये और यूएई की मुद्रा दिरहम का उपयोग कर रहा - नई दिल्ली (ईएमएस)। अमेरिका की आर्थिक और भू-राजनीतिक नीतियों ने कई देशों को डॉलर की जगह अन्य मुद्राओं में व्यापार करने को मजबूर कर दिया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) के मुताबिक अमेरिका द्वारा रूस, ईरान और वेनेजुएला पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते डॉलर आधारित भुगतान बाधित हुआ है, जिससे भारत, चीन और अन्य देशों ने स्थानीय मुद्राओं में व्यापार शुरू किया। जीटीआरआई के सह-संस्थापक ने कहा कि यह बदलाव कोई विद्रोह नहीं, बल्कि विवशता का परिणाम है। उदाहरणस्वरूप, रूस-चीन का 90 फीसदी से अधिक व्यापार अब रूबल और युआन में हो रहा है। भारत भी रूस से तेल खरीदने के लिए रुपये और यूएई की मुद्रा दिरहम का उपयोग कर रहा है। यहां तक कि सऊदी अरब भी अब तेल व्यापार में डॉलर के बजाय अन्य मुद्राओं को स्वीकार करने को तैयार है, जिससे 1970 के दशक के पेट्रो-डॉलर समझौते पर असर पड़ रहा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डॉलर छोड़ने वाले ब्रिक्स देशों पर 10 फीसदी शुल्क लगाने और रूसी तेल खरीदने वालों पर 500 फीसदी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा है। इससे वैश्विक व्यापारिक समझौते और कठिन हो सकते हैं। सतीश मोरे/11जुलाई ---