हाथरस (ईएमएस)। किसी का अंतिम पड़ाव, किसी के जीवन की शांति की तलाश — श्मशान भूमि एक ऐसा स्थान होता है, जहां इंसान की सांसों का सफर थमता है और आत्मा मोक्ष की ओर अग्रसर होती है। मगर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, हाथरस की पत्थर वाली श्मशान भूमि आज गंदगी, अपवित्रता और अनादर का प्रतीक बनती जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर और शिकायत के अनुसार, आजाद ट्रेडर्स द्वारा मुर्गों से भरे ट्रकों की खुलेआम धुलाई श्मशान परिसर के पास की जा रही है। यह गंदा, रक्तमिश्रित पानी परिसर के भीतर बहकर न सिर्फ वहां की पवित्रता को कलंकित कर रहा है, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए आने वाले परिवारों की भावनाओं पर भी चोट पहुंचा रहा है।स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धुलाई के दौरान मांस के टुकड़े खुले में गिरते हैं, जिन्हें आवारा कुत्ते श्मशान के भीतर तक ले जाते हैं। यह दृश्य किसी को भी अंदर तक झकझोर सकता है।श्मशान भूमि के कर्मचारियों ने जब इसका विरोध किया, तो कथित प्रो. मोनू द्वारा गाली-गलौज और अभद्रता की गई, जिससे भय और असहायता का माहौल बन गया है।इस घटना की शिकायत एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण वार्ष्णेय ने सोशल मीडिया पर हाथरस पुलिस, यूपी पुलिस और जिलाधिकारी को टैग कर दी है। उन्होंने इसे मोक्ष स्थली का अपमान बताते हुए आरोपी के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों का कहना है कि यह सिर्फ सफाई या व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक गरिमा और मानवीय संवेदना से जुड़ा मुद्दा है।प्रशासन से आग्रह है कि वह इस मामले को केवल शिकायत नहीं, बल्कि समाज की अंतरात्मा की आवाज़ मानकर देखें — ताकि श्मशान की पवित्रता फिर से बहाल हो सके। ईएमएस / 11/07/2025