राष्ट्रीय
13-Jul-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। देश की आर्म्ड फोर्सेज के तीनों अंग जितना आधुनिक और अपग्रेड होंगे, वे देश दुश्मनों में उतना ही भय और डर पैदा करने में सक्षम होंगे। ग्लोबल स्टेज पर उसका दबदबा और रसूख भी उतना ही ज्यादा प्रभावी होगा। अमेरिका, रूस, चीन जैसे देश न सिर्फ बड़ी इकोनॉमी हैं, बल्कि इनका डिफेंस सिस्टम भी उतना ही मजबूत है। भारत भी अब टॉप इकोनॉमी वाला देश बन गया है, जिसका असर डिफेंस सिस्टम पर भी देखा जा सकता है। आज का भारत अपने दम पर पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाने की तैयारी में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 के साथ ही स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने भी अपनी ताकत दिखाई। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का फायर पावर देख दुनिया भौंचक्की रह गई। पाकिस्तान ने एक ही झटके में घुटने टेक दिया। इस दौरान एयरफोर्स के अविश्वसनीय महत्व का भी पता चला। साथ ही कुछ कमियां भी सामने आईं, जिन्हें पूरा करने के लिए सरकार ने खजाने का मुंह खोल दिया है। खरीद प्रक्रिया को आसान बनाया गया है, ताकि इमरजेंसी परचेज में किसी तरह की बाधा पैदा न हो। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है देश को हर तरफ और हर तरह के दुश्मन से महफूज रखने के लिए एयरफोर्स को फाइटर जेट की 41 स्क्वाड्रन की जरूरत है, जबकि उपलब्ध 31 स्क्वाड्रन है। नेशनल डिफेंस की इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। एक तरफ फाइटर जेट खरीदे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ स्वदेशी तकनीक से लड़ाकू विमान बनाने के प्रोजेक्ट को भी रफ्तार दी जा रही है। फिलहाल तेजस एमके-1ए के अपग्रेडेड वर्जन तेजस एमके-2 नेक्स्ट जेनरेशन फाइटर जेट को डेवलप किया जा रहा है। चार से पांच साल में इसके इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ के सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर रविशंकर एसआर ने हाल में ही बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में तेजस एमके-2 फाइटर जेट को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने दावा किया कि नेक्स्ट जेनरेशन फाइटर जेट तेजस एमके -2 आधुनिक तकनीक और वेपन सिस्टम से लैस होगा जो इसे फ्रांस की डिफेंस कंपनी डसॉल्ट द्वारा डेवलप राफेल लड़ाकू विमान के टक्कर का बनाएगा। कुछ डिफेंस एक्सपर्ट को तो यह भी मानना है कि तेजस एमके -2 कई मायनों में राफेल मल्टीरोल एयरक्राफ्ट से भी ज्यादा मॉडर्न और घातक होगा। टेक्नोलॉजिकल स्टैंडर्ड के आधार पर देखें तो इस दावे में दम दिखता है। रडार से लेकर विंगफ्रेम, वजन, पेलोड कैपेसिटी, मिसाइल इंटीग्रेशन और टारगेट को पता लगाने के मामले में तेजस एमके -2 फाइटर जेट राफेल पर भारी दिखता है। सबसे बड़ी बात यह है कि तेजस एमके -2 जेट को स्वदेशी तकनीक से डेवलप किया जा रहा है। इस तरह यह राफेल के मुकाबले काफी किफायती भी है। साथ ही देश में विकसित हथियार और मिसाइल को इसके साथ इंटीग्रेट करने में भी कोई परेशानी नहीं होगी। बता दें कि अन्य देशों से खरीदे गए फाइटर जेट में देसी वेपन को इंस्टॉल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सोर्स कोड शेयर न होने की वजह से अन्य तरह की दिक्कतें भी पेश आती हैं। हाल में इसका एक नमूना देखने को मिला, जब ब्रिटिश एफ-35 लड़ाकू विमान की केरल में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। ब्रिटेन ने इसे अमेरिका से खरीदा है। तमाम कोशिशों के बावजूद इस फाइटर जेट को ब्रिटिश इंजीनियर ठीक नहीं कर सके। अब इसे टुकड़ों में वापस ले जाने की तैयारी है। एफ-35 लड़ाकू विमान में आई यह दिक्कत इंपोर्टेड फाइटर जेट की समस्या को एक बार फिर से दुनिया के सामने लाकर रख दिया है। ऐसे में भारत के लिए देसी फाइटर जेट डेवलप करना जरूरी हो गया है। वीरेंद्र/ईएमएस 13 जुलाई 2025