नई दिल्ली,(ईएमएस)। इंडोनेशिया की हाईकोर्ट ने ड्रग तस्करी के मामले में तीन भारतीय नागरिकों की मौत की सजा को बरकरार रखा है। इस फैसले को लेकर भारत ने गहरी चिंता जताई है और कहा है कि इस मामले में सबूतों की निर्विवाद और निष्पक्ष जांच नहीं हुई। कौन हैं दोषी ठहराए गए भारतीय? इंडोनेशिया में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिकों में राजू मुथुकुमारन, सेल्वदुरई दिनाकरन और गोविंदसामी विमलकंदन के नाम शामिल हैं। इन तीनों को 14 जुलाई 2024 को इंडोनेशिया के रियाउ द्वीप के पास गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि वे ड्रग तस्करी में शामिल थे और नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए थे। बाद में टांजुंग बालई करिमुन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इन्हें दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने भी 20 जून 2025 को बरकरार रखा। भारत ने जताई आपत्ति इंडोनेशिया में भारत के राजदूत संदीप चक्रवर्ती ने मामले पर आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि भारत को इंडोनेशिया की न्याय व्यवस्था पर भरोसा है, लेकिन इस मामले में सबूतों की पूरी तरह से जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि मौत की सजा सिर्फ रेयर ऑफ द रेयरेस्ट मामलों में दी जानी चाहिए और यह मामला उस श्रेणी में नहीं आता। चक्रवर्ती ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय दूतावास इन तीनों नागरिकों को कानूनी मदद उपलब्ध करा रहा है और उच्च स्तर पर मामला राजनयिक माध्यमों से उठाया जा रहा है। इंडोनेशिया में सख्त ड्रग कानून यह मामला ऐसे समय आया है जबकि इंडोनेशिया अपने ड्रग कानूनों के लिए दुनिया भर में बदनाम है। देश में ड्रग तस्करी की सजा मौत है और कई विदेशी नागरिकों को भी अब तक फांसी दी जा चुकी है। इंडोनेशिया का रुख इस मामले में शून्य सहिष्णुता वाला है और उसका दावा है कि देश में ड्रग्स का खतरा एक राष्ट्रीय आपदा जैसा है। हिदायत/ईएमएस 13जुलाई25