नई दिल्ली (ईएमएस)। हेल्थ एक्सपटर्स के अनुसार ‘सेतु बंध सर्वांगासन’ आसन खास तौर पर कमर दर्द, थायरॉइड की दिक्कतों और पीठ के निचले हिस्से की जकड़न को दूर करने में बेहद असरदार माना जाता है। यह रीढ़, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और साथ ही छाती व फेफड़ों को खोलकर सांस लेने की क्षमता को बेहतर करता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के मुताबिक, सेतु बंध सर्वांगासन का नियमित अभ्यास कमर दर्द और पीठ की जकड़न को कम करता है और थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जिससे हार्मोनल संतुलन सुधरता है। यह आसन तनाव, चिंता और अवसाद को घटाने में भी मददगार है। पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और शरीर में रक्त संचार बढ़ाने में इसका अहम योगदान माना जाता है। खासतौर पर महिलाओं में यह आसन पीरियड्स के दौरान होने वाली तकलीफों को भी कम करने में सहायक माना जाता है। एक्सपर्ट्स इसके अभ्यास की सही तकनीक भी बताते हैं। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं और हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें, हथेलियां नीचे की ओर रहें। फिर घुटनों को मोड़ें और पैरों को कूल्हों के करीब लाकर जमीन पर रखें ताकि पैर सपाट रहें। अब धीरे-धीरे गहरी सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं ताकि शरीर का आकार एक पुल जैसा बने। इस दौरान सिर और कंधे जमीन पर ही टिके रहें। इस स्थिति में 10 से 15 सेकंड तक रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कूल्हों को वापस जमीन पर लाएं। यह प्रक्रिया 3 से 5 बार दोहराई जा सकती है। हालांकि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इसे करते समय कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। जिन लोगों को गर्दन, पीठ या कंधों में चोट है उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी इससे परहेज करना चाहिए। यह आसन हमेशा खाली पेट करना चाहिए और जरूरत से ज्यादा जोर लगाने से बचना चाहिए। सुदामा/ईएमएस 14 जुलाई 2025