अंतर्राष्ट्रीय
14-Jul-2025


बीजिंग,(ईएमएस)। चीन के हुनान प्रांत से एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बेटे ने अपनी 70 वर्षीय जीवित मां को ताबूत में बैठाकर मोहल्ले में शोभायात्रा निकाली। इस जुलूस में गाजे-बाजे और पारंपरिक धुनों के साथ 16 लोगों ने ताबूत को उठाया और पूरे मोहल्ले का चक्कर लगाया। पहली नजर में यह अजीब लगने वाली घटना दरअसल चीनी सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ी है। इस मामले में बेटे का कहना था कि ऐसा करने से उसकी मां को अच्छी किस्मत, लंबी उम्र और शांति का आशीर्वाद मिलेगा। वहीं इस आयोजन में शामिल हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि चीनी संस्कृति में ताबूतों को अशुभ नहीं, बल्कि शुभ माना जाता है। चीनी भाषा में ताबूत को “गुआनकाई” कहा जाता है, जिसका उच्चारण गुआनक्सी जैसा लगता है। “गुआनक्सी” का अर्थ होता है धन, सौभाग्य और संबंधों की प्रगाढ़ता। यह परंपरा इस विचार पर आधारित है कि यदि कोई जीवित बुजुर्ग व्यक्ति ताबूत का अनुभव करता है, तो यह एक तरह से उन्हें सम्मान देने, उनकी लंबी उम्र की कामना करने और जीवन के प्रति आभार जताने का तरीका है। ऐसे आयोजनों को स्थानीय स्तर पर “जीवन के उत्सव” के रूप में देखा जाता है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में यह बुजुर्गों के सम्मान का प्रतीक बन चुका है, जहां परिवार यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें जीते जी वह सम्मान और प्रेम मिले, जो अक्सर मृत्यु के बाद दिखाया जाता है। हालांकि, आधुनिक शहरी क्षेत्रों में इस परंपरा को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी मिलती हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं, जबकि कई इसे सांस्कृतिक धरोहर के रूप में बचाए रखने के पक्ष में हैं। यह घटना न सिर्फ चीनी समाज की विविध परंपराओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि सम्मान और सौभाग्य की कामना के लिए संस्कृतियां कितने अलग-अलग तरीकों का सहारा लेती हैं — कभी ताबूत में बैठाकर, तो कभी जश्न मनाकर। हिदायत/ईएमएस 14 जुलाई 2025