उल्हासनगर, (ईएमएस)। उल्हासनगर के कैंप क्रमांक 4 में एक डॉक्टर ने बिना मेडिकल लाइसेंस के साईं क्लिनिक के नाम से क्लिनिक खोला और 6 साल तक मरीजों का इलाज किया। पता चला है कि यह डॉक्टर फर्जी है और डॉ. चंदर रोहरा, डॉ. अरुण भाकरे और डॉ. सुरेश पिलारे के नाम पर मरीजों को देखता था। इसलिए, फर्जी डॉक्टर और तीन अन्य डॉक्टरों के खिलाफ विट्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीकृष्ण कुमावत नाम का एक फर्जी डॉक्टर 2018 से उल्हासनगर के कैंप क्रमांक 4 में एसएसटी कॉलेज के पास साईं क्लिनिक नामक एक निजी क्लिनिक में चिकित्सा कर रहा था। शिकायतकर्ता डॉ. राकेश गजारे ने आरोप लगाया है कि उसके पास मेडिकल लाइसेंस नहीं है। इस संबंध में उन्होंने समय-समय पर कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने जांच की और डॉ. सुरेश पिलारे द्वारा मरीजों की जांच और श्रीकृष्ण कुमावत द्वारा कंपाउंडर के रूप में काम करने की जानकारी मिली। उधर डॉ.राकेश गजरे ने कुमावत द्वारा मरीजों की जांच करने का एक वीडियो क्लिप कल्याण-डोंबिवली मनपा के स्वास्थ्य विभाग को सौंपा था। उसके बाद, स्वास्थ्य विभाग ने कुमावत को मरीजों की जांच करने के लिए उपस्थित नहीं होने का निर्देश दिया था। यह भी चेतावनी दी थी कि अगर वह फिर से ऐसा करते देखे गए, तो उनके खिलाफ फर्जी डॉक्टर के रूप में कार्रवाई की जाएगी। इस बीच डॉ.राकेश गजरे ने आरोप लगाया था कि श्रीकृष्ण कुमावत साईं क्लिनिक में डॉ.चंदर रोहरा, डॉ.अरुण भाकरे और डॉ.सुरेश पिलारे के नाम पर चिकित्सा व्यवसाय कर रहा है। उन्होंने इसके सबूत भी दिए थे। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी डॉक्टरों ने कोरोना काल में साजिश रची और मरीजों को आर्थिक रूप से ठगा। इस मामले को लेकर डॉ.गजरे ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत द्वारा विठ्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश देने के बाद, पुलिस ने आरोपी डॉ.चंदर रोहरा, डॉ.अरुण भाकरे, डॉ.सुरेश पिलारे और फर्जी डॉक्टर श्रीकृष्ण कुमावत के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले की जाँच सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन गवली कर रहे हैं। संतोष झा- १४ जुलाई/२०२५/ईएमएस