राष्ट्रीय
14-Jul-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने सोमवार को नई दिल्ली में वित्तीय वर्ष 2025 (अक्टूबर से दिसंबर) की तीसरी तिमाही के लिए “ट्रेड वॉच क्वार्टरली” पुस्तिका के तीसरे संस्करण का विमोचन किया। इस तिमाही के लिए भारत की व्यापार स्थिति का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करने के अतिरिक्‍त, इस संस्करण का विषयगत खंड अमेरिकी टैरिफ संरचनाओं में हाल के बदलावों पर केंद्रित है। डॉ. विरमानी ने नवीनतम व्यापार गतिशीलता को गहन विश्लेषणात्मक गहराई के साथ प्रस्तुत करने वाले एक व्यापक व्यापार प्रकाशन के लिए पूरी टीम को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि भारत की उभरती हुई व्यापार भागीदारी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, नवोन्‍मेषण और अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के रणनीतिक प्रयासों द्वारा संचालित अर्थव्यवस्था की गहन प्रगति को दर्शाती है, जो अमेरिकी व्यापार नीति में हाल के बदलावों के अनुरूप है। डॉ. विरमानी ने यह भी रेखांकित किया कि ऐसे समय में जब भू-राजनीतिक बदलावों, प्रौद्योगिकीय बदलावों और नीतिगत अनिश्चितता के कारण वैश्विक व्यापार का स्वरूप बदल रहा है, यह संस्करण नीति निर्माताओं, उद्योग और शिक्षा जगत के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करता है। यह समग्र व्यापार सुगमता को बढ़ाने और वैश्विक बाजारों में मज़बूत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दूरदर्शी सुझाव प्रदान करता है। नीति आयोग के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में भारत के व्यापार निष्‍पादन ने भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच सतर्क गतिशीलता प्रदर्शित की। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में व्यापारिक निर्यात 3 प्रतिशत (108.7 बिलियन डॉलर तक) बढ़ा, जबकि आयात में 6.5 प्रतिशत (187.5 बिलियन डॉलर तक) की वृद्धि हुई। सेवा निर्यात में 17 प्रतिशत की वृद्धि से प्रेरित 52.3 बिलियन डॉलर के सेवा अधिशेष ने घाटे के अंतर को कम करने में मदद की, जिसने वैश्विक सेवा अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती शक्ति को रेखांकित किया। वहीं, निर्यात संरचना स्थिर बनी हुई है और कुछ उत्पाद जैसे विमान, अंतरिक्ष यान और पुर्जे 200 प्रतिशत से अधिक की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि के साथ शीर्ष दस निर्यातों में शामिल हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, भारत वर्ष 2024 में 269 बिलियन डॉलर के डिजिटल तरीके से डिलीवर की गई सेवाओं (डीडीएस) के निर्यात के साथ विश्‍व के पांचवें सबसे बड़े निर्यातक के रूप में स्थान पर रहा। सुबोध\१४\०७\२०२५