राष्ट्रीय
16-Jul-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। बच्चों में तेजी से बढ़ते मोटापा का मुख्य कारण बच्चों की दिनचर्या में भारी बदलाव है। यह कहना है हैल्थ विशेषज्ञों का। आउटडोर खेलों से दूरी और गैजेट्स पर निर्भरता के चलते उनकी शारीरिक गतिविधि घट गई है, जिससे कम उम्र में ही मोटापा उन्हें अपनी गिरफ्त में ले रहा है। पहले जहां बच्चे खेल के मैदानों में घंटों दौड़ते-भागते थे, अब वे मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन में उलझे रहते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, आज की पीढ़ी की जीवनशैली पिछली पीढ़ी की तुलना में काफी बदल गई है। पहले कबड्डी, खो-खो, गिल्ली-डंडा, लंगड़ी जैसे देसी खेल बच्चों के शारीरिक विकास में अहम भूमिका निभाते थे। वे न केवल उन्हें व्यायाम का मौका देते थे बल्कि बच्चों के बीच टीमवर्क और सामूहिकता की भावना भी मजबूत करते थे। पर आज के बच्चे इंटरनेट की दुनिया में इतना मशगूल हो गए हैं कि उनके जीवन से ये खेल लगभग गायब हो चुके हैं। इसके साथ ही घर के बने ताजे भोजन की जगह प्रोसेस्ड और जंक फूड ने ले ली है, जिसमें कैलोरी अधिक और पोषण कम होता है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। उनके अनुसार, भारत में 1.4 करोड़ से ज्यादा बच्चे मोटापे से प्रभावित हैं, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां अक्सर मोटे बच्चों को स्वस्थ मान लिया जाता है, जबकि हकीकत में यह भविष्य में कई गंभीर बीमारियों की नींव डालता है। मोटापे से बच्चों में मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल हेल्थ मिशन ने बच्चों में मोटापा रोकने के लिए कई सुझाव दिए हैं। इसके तहत सबसे अहम कदम बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित करना है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को खेल के मैदान में भेजें और उनके लिए सक्रिय खेलों को प्रोत्साहित करें। खानपान में बदलाव भी जरूरी है। जंक और प्रोसेस्ड फूड की जगह घर का ताजा बना भोजन दें, जिसमें फल और हरी सब्जियां अधिक हों। चीनी और मैदे का सेवन कम करें और परिवार के साथ बैठकर खाने की आदत डालें, जिससे बच्चे अच्छे खानपान के महत्व को समझें। यह समस्या केवल भारत तक सीमित नहीं है। अमेरिका में भी मोटापे के मामले तेजी से बढ़े हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, पिछले 20 वर्षों में अमेरिकी बच्चों में मोटापे की दर में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है। यह केवल बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाता बल्कि उन्हें कई बीमारियों और समय से पहले मृत्यु के खतरे में भी डालता है। भारत में भी बड़े लोगों में मोटापा कई स्वास्थ्य जोखिम लेकर आता है, जैसे टाइप-2 डायबिटीज, दिल की बीमारियां और फैटी लीवर। अगर बच्चों में इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो ये समस्याएं आने वाले वर्षों में और भी गंभीर हो सकती हैं। सुदामा/ईएमएस 16 जुलाई 2025