राष्ट्रीय
16-Jul-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश में बोइंग विमानों की फ्यूल कंट्रोल स्विच प्रणाली को लेकर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के निर्देश के बाद सभी प्रमुख भारतीय एयरलाइंस ने अपने बेड़े की जांच शुरू कर दी है। अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। इस हादसे में जांच एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में बोइंग 787-8 विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच के अचानक रन से कटऑफ मोड में चले जाने को मुख्य कारण बताया गया था। बोइंग विमानों की जांच की स्थिति – एयरलाइन वाइज आंकड़े एयरलाइन बोइंग विमान (संख्या) जांच की स्थिति एयर इंडिया एक्सप्रेस 75 सभी विमानों की जांच पूरी एयर इंडिया 57 (वाइड बॉडी) 30 से अधिक विमानों की जांच पूरी अकासा एयर 30 जांच प्रक्रिया जारी स्पाइसजेट 27 जांच प्रक्रिया जारी इंडिगो 1 (वेट लीज पर) डीजीसीए दायरे में नहीं आता फ्यूल स्विच पर पहले से था अंतरराष्ट्रीय अलर्ट उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की सिविल एविएशन अथॉरिटी (सीएए) ने 15 मई 2025 को ही बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच में संभावित गड़बड़ी को लेकर चेतावनी जारी की थी। इसमें बोइंग 787 ड्रीमलाइनर समेत पांच मॉडलों के ऑपरेटरों को दैनिक जांच के निर्देश दिए गए थे। यह निर्देश अमेरिकी फेडरल एविएशन अथॉरिटी (एफएए) के एयर वर्दीनेस डायरेक्टिव के अनुरूप था, जिसे कानूनी रूप से बाध्यकारी माना जाता है। 5 वर्षों में 65 बार उड़ान के दौरान इंजन बंद डीजीसीए से मिली आरटीआई सूचना के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 65 घटनाओं में विमानों के एक या दोनों इंजन उड़ान के दौरान बंद हुए। यह लगभग हर महीने एक घटना के बराबर है। हालांकि राहत की बात यह रही कि पायलटों ने सभी मामलों में सुरक्षित लैंडिंग कराई। इसके अलावा, जनवरी 2024 से मई 2025 तक 17 महीनों में 11 फ्लाइट्स से मेडे कॉल भी दर्ज की गईं। क्या है फ्यूल कंट्रोल स्विच की भूमिका? फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजनों को ईंधन की आपूर्ति शुरू या बंद करने का काम करता है। रन मोड में इंजन को ईंधन मिलता है, जबकि कटऑफ मोड में आपूर्ति बंद हो जाती है। एयर इंडिया हादसे में यह स्विच उड़ान के तुरंत बाद स्वतः कटऑफ मोड में चला गया, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए और विमान नियंत्रण से बाहर हो गया। बोइंग विमानों की तकनीकी खामियों को लेकर जांच का यह दौर भारत में हवाई सुरक्षा उपायों की गंभीरता को दर्शाता है। डीजीसीए और एयरलाइंस मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। सभी एयरलाइंस को अब फ्यूल कंट्रोल और अन्य महत्वपूर्ण सिस्टम की नियमित जांच सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।