मुंबई,(ईएमएस)। महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस विवाद में मंत्री नितेश राणे ने अजीबो गरीब बयान दिया है उन्होंने कि कहा कि मदरसों में उर्दू की जगह मराठी पढ़ाई जानी चाहिए और मुसलमानों को अजान मराठी में देनी चाहिए। राणे ने बुधवार को कहा कि कि कांग्रेस को मराठी स्कूल चलाने की जरूरत क्यों है? विपक्ष को मुसलमानों से कहना चाहिए कि अजान मराठी में दी जाए। राणे के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है। एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने कहा कि बीजेपी नेता धर्म और भाषा के नाम पर नफरत फैला रहे हैं। सीएम फडणवीस को ऐसे नेताओं की जुबान पर रोक लगानी चाहिए। वहीं कांग्रेस नेता अमीन पटेल ने कहा कि मदरसों में पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है और कुछ संस्थानों में मराठी भी सिखाई जाती है। उन्होंने कहा कि अजान अरबी में दी जाती है, धर्म और भाषा दो अलग चीजें हैं। राणे का ऐसा बयान बचकाना है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकाल ने कहा कि हम हिंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जबरदस्ती तीसरी भाषा थोपने के खिलाफ हैं। हम मारपीट नहीं करेंगे, बल्कि मराठी सिखाएंगे। सिराज/ईएमएस 16जुलाई25 ----------------------------------