राष्ट्रीय
16-Jul-2025


बोरोप्लस क्रीम को लेकर जारी किया गया विज्ञापन अजमेर,(ईएमएस)। अजमेर जिला उपभोक्ता आयोग (कंज्यूमर फोरम) ने बोरोप्लस क्रीम बनाने वाली कंपनी इमामी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। आयोग ने कंपनी को इस तरह के भ्रामक विज्ञापन में सुधार करने और फिर विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया है। भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसके लिए बिना वैधानिक प्रमाण (लीगल प्रूफ) के विश्व की नंबर वन जैसे दावे फिर नहीं करने के लिए भी कंपनी को सख्त मना कर दिया गया है। क्या था पूरा मामला? अजमेर के वकील तरुण अग्रवाल ने उपभोक्ता अदालत में बोरोप्लस के दावों को लेकर वाद दायर किया था। उन्होंने बताया कि कंपनी अपने विज्ञापनों में क्रीम को विश्व की नंबर वन बता रही थी, जबकि अपनी वेबसाइट पर बारोप्लस को भारत की नंबर वन और क्रीम के रैपर पर भारत में सबसे अधिक बेची जाने वाली क्रीम बताया गया था। अग्रवाल का तर्क था कि कंपनी ग्राहकों को गुमराह करने और भ्रमित करने के लिए ऐसा प्रचार कर रही है। इसके बाद वकील अग्रवाल ने कंपनी को लीगल नोटिस भेजकर विज्ञापन की विरोधाभासी स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया था, लेकिन कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया। आयोग के सामने कंपनी के वकीलों ने बताया कि मार्च 2018 को समाप्त होने वाली अवधि में एंटीसेप्टिक क्रीम की स्किन क्रीम की श्रेणी में बोरोप्लस पूरे भारत में पहले नंबर पर रही थी। हालांकि, विश्व की नंबर वन क्रीम होने के दावे पर कंपनी कोई जवाब और साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। इसके बाद अजमेर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अरुण कुमावत, सदस्य दिनेश चतुर्वेदी और जय श्री शर्मा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 15 जुलाई को निर्णय दिया। आयोग ने कहा कि कंपनी बेस्ट, अमेजिंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन बिना वैश्विक प्रमाण (ग्लोबल प्रमाण) के विश्व की नंबर वन क्रीम जैसे दावे करना भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी में आता है। आशीष दुबे / 16 जुलाई 2025