राष्ट्रीय
16-Jul-2025
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इंदौर (ईएमएस)। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक पंकज शर्मा ने स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के रूबरू कार्यक्रम में एक चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि राशन, लाड़ली बहना, आयुष्मान और उज्ज्वला जैसी मुफ्त सरकारी योजनाओं ने आम जनता में संघर्ष करने का माद्दा खत्म कर दिया है। शर्मा के मुताबिक, एक समय था जब छोटे-मोटे मुद्दों पर भी जनता सड़कों पर उतर आती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। शर्मा ने मीडिया से बातचीत में अपनी बात को बल देते हुए कहा, एक दौर था जब देश में प्याज की कीमतों, महंगाई या बोफोर्स जैसे घोटालों पर सरकारें बदल दी जाती थीं, लेकिन अब जनता ने सड़क पर आकर विरोध जताना छोड़ दिया है। उनका मानना है कि जब लोगों को बहुत कुछ मुफ्त में मिल रहा है, तो वे विरोध क्यों करेंगे? उन्होंने सस्ते मोबाइल डेटा को भी इस स्थिति का एक कारण बताया, जिसके चलते लोग अब सोशल मीडिया पर ही अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों और सार्वजनिक बहस में एक नई चर्चा छेड़ दी है कि क्या मुफ्त की योजनाएं वास्तव में समाज को निष्क्रिय बना रही हैं या यह केवल सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का स्वाभाविक परिणाम है। :: कॉर्पोरेट ने पीएम बनाया, अब राज्यों तक कर रहे वसूली :: पंकज शर्मा ने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पक्षधरता की धार क्रूर हो गई है और असहमति की गुंजाइश समाप्त हो गई है। शर्मा ने दावा किया कि 2014 में नरेंद्र मोदी इसलिए प्रधानमंत्री बन पाए क्योंकि लालकृष्ण आडवाणी मनमोहन सरकार को पलटने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं जुटा पाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े कॉर्पोरेट घरानों ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के एवज में सशर्त सहयोग दिया था और अब यही घराने केंद्र के साथ-साथ राज्यों में भी वसूली पर लगे हुए हैं। :: भागवत ने आयु सीमा का शस्त्र चलाकर खेला बड़ा दांव :: आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के हालिया 75 वर्ष की आयु संबंधी बयान पर शर्मा ने कहा कि डॉ. भागवत ने राजनीति में आयु सीमा का शस्त्र चलाकर एक बड़ा दांव चला है, खासकर जब वह खुद सितंबर में 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी डॉ. भागवत ने मॉब लिंचिंग, मंदिरों में शिवलिंगों की तलाश और मुस्लिम समाज से समन्वय जैसे मुद्दों पर अपने संगठन की अलग विचारधारा से सरकार को घेरने का प्रयास किया है। शर्मा के अनुसार, 2014 में आरएसएस प्रमुख ने मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा की एक व्यवस्था लागू करनी चाही थी, लेकिन यह केवल एक बार ही हो सका, जिसके बाद दोनों के बीच खटास पैदा हो गई। उन्होंने 2024 के आम चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की आरएसएस को लेकर तल्ख टिप्पणी को भी इसी कड़ी का हिस्सा बताया, जिसके कारण आरएसएस ने भाजपा को पूर्ण बहुमत से दूर रखने में अपना योगदान दिया। :: उग्र हिंदुत्व से मोहभंग और पर्यटन केंद्र बनते मंदिर! :: पंकज शर्मा ने यह भी कहा कि अब देश में वातावरण बदल रहा है और स्वयं भाजपा तथा समाज के आम लोग उग्र हिंदुत्व को पसंद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कावड़ यात्राओं में डीजे बजाने पर रोक को इसका एक उदाहरण बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने देशभर के धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थलों में तब्दील कर दिया है और दर्शन-पूजन के लिए महंगे शुल्क लगा दिए हैं। शर्मा ने कहा कि सरकार और भाजपा मीडिया सेल ने ऐसा माहौल बना दिया है कि भाजपा का विरोध अब हिंदुओं का विरोध माना जाने लगा है। :: राहुल गांधी की राह में अंदरूनी बाधा ; आसपास के लोग ही सच्चाई से दूर रख रहे :: एक प्रश्न के जवाब में, राजनीतिक विश्लेषक शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी इतनी मेहनत के बावजूद उस जगह पर नहीं हैं, जहां उन्हें होना चाहिए था। उन्होंने इसका कारण उनके आसपास के उन लोगों को बताया जो उन्हें सच्चाई और हालातों से वाकिफ नहीं होने देते। शर्मा के अनुसार, राहुल गांधी ऐसे लोगों के चयन में कमजोर साबित हुए हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भविष्य के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह उन चंद राज्यों में शामिल है जहां अभी भी कांग्रेस के लिए अच्छा भविष्य है। उन्होंने बताया कि राज्य में नेताओं की पुरानी पीढ़ी अब निवृत्त हो रही है और आने वाले चुनाव में ये नेता चेहरे नहीं होंगे। उन्होंने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ बताया और कहा कि अब तो यह चर्चा भी चल पड़ी है कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बदला जा सकता है। कार्यक्रम की शुरुआत में श्री शर्मा का स्वागत अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, मोहनलाल मंत्री, रचना जौहरी, गोविन्द लाहोटी ‘कुमार’ और संजय मेहता ने किया। मीना राणा शाह और दीपक माहेश्वरी ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रकाश/15 जुलाई 2025