17-Jul-2025
...


ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश में जब से शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ है, तब से शायद ही कोई दिन ऐसा दिन गया हो जब बांग्लादेश में विरोध, हिंसा या अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमला ना हुआ हो। एक बार फिर बांग्लादेश के गोपालगंज की सड़कों पर तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला। बांग्लादेश की सेना को अपने बख्तरबंद गाड़ियों के साथ सड़कों पर उतरना पड़ा और गोलीबारी की घटना को अंजाम देना पड़ा। घटना गोपालगंज में नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) की रैली पर हमले के बाद हुई। बांग्लादेश मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल सिटिजन पार्टी की रैली में शेख मुजीबुर रहमान के खिलाफ नारेबाजी के बाद हिंसा भड़की। इस हमले के पीछे यूनुस सरकार ने अवामी लीग की छात्र इकाई — छात्र लीग और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के शामिल होने की आशंका जताई है। सोशल मीडिया पर सेना की कार्रवाई की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि बांग्लादेश की सेना बख्तरबंद गाड़ियों के साथ सड़कों पर मौजूद है। कुछ वीडियो में सेना को सीधे फायर करते हुए भी देखा जा सकता है। इसके अलावा एक प्रदर्शनकारी को चार सैनिक घसीटते हुए ले जाते हुए भी दिख रहे हैं। हिंसा को लेकर मोहम्मद यूनुस की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि गोपालगंज में हुई हिंसा पूरी तरह से निंदनीय और अस्वीकार्य है। यह बेहद शर्मनाक है कि युवाओं को उनकी शांतिपूर्ण रैली आयोजित करने से रोका गया। यह रैली उनके क्रांतिकारी आंदोलन की पहली वर्षगांठ की याद में आयोजित की जा रही थी। यह घटना न केवल उनके मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी हमला है। बयान में कहा गया कि नेशनल सिटिजन पार्टी के सदस्यों, पुलिसकर्मियों और मीडिया प्रतिनिधियों पर बेरहमी से हमला किया गया। उनकी गाड़ियों को तोड़ा गया और कई लोगों को शारीरिक रूप से निशाना बनाया गया। इस हमले के पीछे प्रतिबंधित अवामी लीग की छात्र इकाई और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के शामिल होने की आशंका है। यूनुस सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि अगर यह सच पाया जाता है तो इस अपराध के लिए किसी को माफ़ नहीं किया जाएगा। दोषियों की पहचान कर, उन्हें जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। बांग्लादेश के किसी भी नागरिक के खिलाफ इस तरह की हिंसा का कोई स्थान नहीं है। फायरिंग में 4 की मौत कई घायल हिंसा को रोकने के लिए दो सौ से अधिक अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इसके बावजूद उपद्रव नहीं रुका और फायरिंग हो गई। सेना को भी अपने बचाव में फायरिंग करना पड़ी। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में करीब 4 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि कई लोग घायल है। मृतकों का आंकड़ बढ़ सकता है। हिंसा में मारे गए लोगों में 25 वर्षीय दीप्तो साहा और 18 वर्षीय रमजान काजी शामिल हैं। दोनों को गोली लगी थी और उन्हें अस्पताल लाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। नौ अन्य घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वीरेंद्र/ईएमएस/17जुलाई2025 ----------------------------------