राष्ट्रीय
17-Jul-2025
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-वैध भारतीय नागरिकों को बांग्ला बोलने पर दिए जा रहे एनआरसी नोटिस कोलकाता,(ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कोलकाता में प्रवासी मजदूरों की हिरासत के विरोध में विरोध मार्च निकाला। ये मजदूर बिना दस्तावेज वाले बांग्लादेशी बताए जाने के बाद गिरफ्तार किए गए थे और उनके निर्वासन की तैयारी की जा रही थी। टीएमसी ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने नादिया जिले के आठ प्रवासी मजदूरों को जबरन हिरासत में लिया है। टीएमसी का आरोप है कि इन मजदूरों को बिना किसी सूचना के हिरासत में लेकर उनके फोन ज़ब्त कर उन्हें जेल में बंद कर दिया। टीएमसी ने इसे राज्य प्रायोजित अपहरण करार देते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार को चेतावनी दी कि वे अपने लोगों का सम्मान करें या उनके खिलाफ सख्त प्रतिरोध की उम्मीद करें। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के कोंडागांव इलाके में प्रवेश के एक महीने बाद पहचान पत्र न दिखा पाने के कारण इन आठ मजदूरों को हिरासत में लिया गया था। बताया गया है कि उन्हें सोमवार शाम को रिहा कर दिया था। इससे पहले टीएमसी ने बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के खिलाफ “विच हंट” का आरोप लगाते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष का एक वीडियो जारी किया था। पार्टी ने कहा कि बंगाली कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है, हिरासत में लिया जा रहा है और सीमा पार निर्वासित किया जा रहा है। टीएमसी ने दावा किया कि वैध भारतीय नागरिकों को सिर्फ बांग्ला बोलने के कारण एनआरसी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। टीएमसी ने बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने के लिए प्रवासी मजदूरों को “रोहिंग्या” कहकर बंगालियों को निशाना बना रहे हैं। पार्टी ने अधिकारी और उनके सहयोगियों को “बंगाल और बंगालियों के दुश्मन” बताते हुए कहा कि 2026 के चुनावों में उनकी हार तय है। इस मामले पर बीजेपी या शुभेंदु अधिकारी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ओडिशा और महाराष्ट्र में बंगाली प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न, अवैध हिरासत और शारीरिक दुरुपयोग को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। सिराज/ईएमएस 17जुलाई25