नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कल अखिल भारतीय पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) कॉन्क्लेव के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए देश भर के पेट्रोलियम डीलरों से भारत के ऊर्जा परिवर्तन में सक्रिय भागीदार बनने की अपील की। एआईपीडीए पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट डीलरों का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे बड़ा राष्ट्रीय निकाय है। मंत्री पुरी ने भारत के गतिशील ऊर्जा परिदृश्य के अनुरूप हरित पहलों को अपनाने, डिजिटल तत्परता बढ़ाने और व्यावसायिक मॉडल विकसित करने के महत्व पर ज़ोर दिया। मंत्री पुरी ने डीलर कमीशन, प्रचालनगत लागत और अन्य मुद्दों से जुड़ी चिंताओं को स्वीकार किया। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को आश्वस्त किया कि मंत्रालय टकराव नहीं, परामर्श में विश्वास रखता है। उन्होंने अक्टूबर 2024 में डीलर मार्जिन में संशोधन और अंतर-राज्यीय माल ढुलाई को विवेकपूर्ण बनाने के कार्यान्वयन को असमानताएं दूर करने के लिए उठाए गए ठोस कदमों के रूप में उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि फीडबैक और शिकायत निवारण के लिए संरचित प्लेटफार्मों को और मजबूत किया जाएगा। पुरी ने पिछले 5 वर्षों की चुनौतियों —जिनमें कोविड-19 महामारी और वैश्विक भू-राजनीतिक संघर्ष शामिल हैं —पर विचार करते हुए कहा कि भारत न केवल इन बाधाओं से प्रभावी ढंग से निपट रहा है, बल्कि ऊर्जा विकास में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी देश के रूप में भी उभरा है। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, कच्चे तेल की खपत में वैश्विक वृद्धि में भारत का योगदान 16 प्रतिशत रहा है और अगले तीन दशकों में इस वृद्धि के 25 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भी नागरिकों को किफायती और निर्बाध ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की है। श्री पुरी ने जैव ईंधन क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2025 तक लगभग 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, जो 2014 के 1.53 प्रतिशत की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। संदीप/देवेंद्र/नई दिल्ली/ईएमएस/18/जुलाई/2025