राज्य
26-Jul-2025
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जीवन ज्योति बीमा योजना में फर्जी डेथ सार्टिफिकेट के आधार पर की गई करोड़ो की धोखाधड़ी - कहीं जीवित लोगो को मृतक बताया, तो कहीं जिंदा को मरा बताकर ली क्लेम की रकम - बीमा एंजेट लोन देने का झांसा देकर लेते थे दस्तावेज, फिर डेथ सार्टिफिकेट बनाकर हड़पते थे रकम - कम पढ़े लिखे लोगो को बनाते थे शिकार, अब तक 20 करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ उजागर भोपाल(ईएमएस)। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने ग्वालियर- चम्बल संभाग में शासन द्वारा संचालित की जा रही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में फर्जीवाड़ा कर करोड़ो की ठगी करने वाले बेहद शातिर गिरोह के सदस्यो के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओ में मामला कायम किया है। गिरोह ने ग्वालियर चम्बल संभाग में जीवन ज्योति बीमा योजना में जिंदा लोगो को मरा बताकर और मृतको को जीवित बताने के बाद दोबारा मरा हुआ बताकर बीमा रकम लेकर करोड़ो की ठगी की है। विभाग द्वारा जारी प्रेस-विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली थी, कि ग्वालियर चम्बल संभाग में कुछ जालसाज गिरोह बनाकर जीवन ज्योति बीमा योजना में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर करोड़ों का गबन कर रहे है। ईओडब्ल्यू इकाई ग्वालियर ने जब शिकायत की जॉच शुरु की तो चौकांने वाले खुलासे हुए। जांच में सामने आया की भारत सरकार की जीवन ज्योति बीमा योजना महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना में गरीब व निम्न वर्ग के व्यक्तियों को प्राकृतिक आकस्मिक मृत्यु होने पर केवलत 430 रूपये प्रतिवर्ष प्रीमियम पर 18 वर्ष से 56 वर्ष के आयु के व्यक्तियों को 2 लाख रूपये का बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है। और बैंकों एवं ऑनलाइन माध्यम से पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकते है, बीमाधारक की मृत्यु होने पर 2 लाख रूपये का भुगतान नॉमिनी के खाते में होता है। ईओडब्ल्यू व्यालियर चम्बल संभाग में काम करने वाली न्यू इंडिया इंश्योरेंस, स्टार यूनियन डाई इची लाइफ इंश्योरेंस,भारतीय एक्सा लाईफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाईफ इंश्योरेंस, मैक्सेस लाइफ इंश्योरेंस, यूनाटेड इंडिया इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और एलआईसी इंडिया कंपनियो से जनवरी 2020 से दिसम्बर 2004 तक पॉच सालो के दौरान इससे संबधित ऐसे प्रकरणों की जानकारी मांगी जिनका 2 लाख का बीमा क्लेम का भुगतान नामिनी के खाते में किया गया है। शुरुआती तौर पर विभाग को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस द्वारा 325 और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस दोनो कंपनियो द्वारा 878 प्रकरणों सहित कुल 1004 ऐसे क्लेम प्रकरणों के दस्तावेज सौपें गये, जिनमें लगभग 20 करोड रूपये का भुगतान मृतको के नॉमिनी को दिया गया है। वहीं अन्य इंश्योरेंस कंपनियों से जानकारी (रिकार्ड) प्राप्त करने की प्रक्रिया चल सही हैं। * ग्वालियर में 5 मामलो की हुई जॉच, सभी पाये गये फर्जी डेथ सार्टिफिकेट ग्वालियर से बनवाया, तीन नामजद के खिलाफ एफआईआर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से मिले 325 बीना क्लेम प्रकरणों में से अभी तक 5 बीमा क्लेम प्रकरणों की जांच पूरी की गयी है। जिसमें सामने आया की इन सभी क्लेम प्रकरणों में जीवित व्यक्तियों नदीम, इरशाद नसीना, सिमरन और कृष्णा शंखवार के जीवित रहते हुए उनके फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र नगर निगम ग्यालिबर से बनवाकर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस से प्रत्येक प्रकरण में 2-2 लाख रूपये का बीमा क्लेम धोखाधड़ी कर हासिल किया गया। जॉच के आधार पर आरोपी जिग्नेश प्रजापति, दीपमाला मिश्रा, विवेक दुबे, (कर्मचारी मैक्स लाइफ) सहित उनके दो अन्य साथियो के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। * ग्वालियर में जीवित लोगो का कागजो में मार दिया जाता इस संगठित गिरोह में जिग्नेश प्रजापति, दीपमाला मिश्रा विवेक दुबे एवं उनके अन्य साथी शामिल है। आरोपी जीवित व्यक्तियों को उनकी जानकारी के बिना उनके दस्तावेज आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित अन्य दस्तावेज लोन दिलाने का लालच देकर और दीपमाला मिश्रा द्वारा एंटी करपशन फाउण्डेशन ऑफ वर्ड नामक संस्था में जुड़कर उसका संस्था का सदस्य बनाये जाने का कहते हुए ले लेते थे। अपना शिकार बनाने के लिये गिरोह गरीब एवं कम-पड़े लिखे व्यक्तियों को तलाश करते थे। बाद में उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र नगर निगम ग्वालियर से बनवाते थे। वहीं आरोपी लोन के लालच में फंसाये गये लोगो से उनकी बैंक एकाउंट पासबुक, एटीएम, पासबुक, नामिनी के हस्ताक्षर कराकर पहले ही अपने पास रख लेते थे। बाद में क्लेम भुगतान होने पर बैंक या एटीएम के जरिये सारी रकम खुद ही हासिल कर लेते। * मुरैना में मृतको को जिंदा बताकर फिर मृतक बताया जाता फिर क्लेम के लिये फर्जी डेथ सार्टिफिकेट तैयार कराये जिला मुरैना-भिण्ड में इंश्योरेंस कंपनी से मिले पॉचो बीमा क्लेम प्रकरणों की जांच करने पर वह भी गलत पाये गये। इन मामलो की पड़ताल में सामने आया की अरुण कुशवाह, राजाबेटी, सीमाबाई, कल्याण माहौर, सुनीताबाई की मृत्यु पूर्व में ही हो चुबी थी। गिरोह ने उनको जीवित बताकर उनका प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में पंजीकरण करवाया। बाद में उनका पुनः फजी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से प्रत्येक प्रकरण में 2-2 लाख का बीमा क्लेम हासिल कर लिया। इस मामले में आरोपी मानसिंह कुशवाह बल्लेश किरार (बीमा एजेंट), प्रदीप कुशवाह रिंकू सिंह कुशवाह, सगुनी कुशवाह, सूरजराम कुशवाह (पंचायत सचिव) के खिलाफ भी धारा 420, 467, 468 471. 120बी एवं का मामला कायम किया गया है। * भिण्ड में बीमा एंजेट कर रहे थे जिंदा को मरा और मृतक को जीवित बताने का खेल पंचायत सचित की मदद से बन रहे थे फर्जी डेथ सार्टिफिकेट भिण्ड में जब टीम ने क्लेम मामलो की जॉच की तब पता चला की बलवीर सिंह राठौर, लक्ष्मण श्रीयास (जीवित) और शशी विमल, संजूबाई, अरविद नामक व्यक्तियों में से 4 की मुत्यु पूर्व में हो चुकी थी। लेकिन उनको जीवित बताकर उनका प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में पंजीकरण कर उनका पुन फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र तैयार करवाया गया। वहीं गिरोह ने लक्ष्मण श्रीवास का जीवित रहते हुए फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाकर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस से 2-2 लाख रुपये का कुल 10 रूपये का बीमा क्लेम नॉमिनी अथवा जीवित व्यक्ति की जानकारी के बिना हासिल किया गया। पड़ताल में सामने आया की आरोपियों में कुछ बीमा ऐजेन्ट भी शामिल है, जो पंचायत सचिव से मिलकर ऐसे व्यक्तियों की तलाश करते जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। उनके परिजनों को बीमा राशि या सरकार से आर्थिक सहायता दिलाने के नाम पर दस्तावेज हासिल करते और पहले मृतक को जीवित दिखाकर उसका बैंक एकाउन्ट खोल लेते। बाद में गिरोह उसे मरा बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र तैयार कराकर बीना ब्लेम हासिल कर लेते। इस मामले में आरोपी बालेन्द्र सिंह कुशवाह, सतीश परिहार, निखिल विमल, भोलू मोजू सिंह एवं पंचायत सचिव सूरतराम कुशवाहन सहित अन्य के विरुद्ध खिलाफ ईओडल्यू में धारा 420, 467, 468, 471, 120बी सहित अन्य धाराओ में एफआईआर दर्ज की है। जुनेद / 26 जुलाई