बिखरी पड़ी दबायें, मरीजों को नहीं मिल रहीं सुविधायें अशोकनगर (ईएमएस)। शहर के कोलुआ रोड़ स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक दो सफाई कर्मियों के भरोसे चल रहा है। वही सुबह क्लीनिक खोलते हैं और शाम को बंद करके चले जाते हैं। क्लीनिक में डॉक्टर भी हैं, लेकिन वह अपने मर्जी के मालिक हैं। कब आयेगे हैं और कब छुट्टी मनायेगे इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को देना भी वह मुनासिब नहीं समझते। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंर्तगत शहर में सीएम संजीवनी क्लीनिक की स्थापना की गई ताकि आसपास के लोगों को उनके घर के पास ही इलाज की सुविधा मिल सके। इसी तारतम्य में सीएम संजीवनी क्लीनिक बनाए गए। रिकॉर्ड में संजीवनी क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग के हैंडओवर हैं और केन्द्रों का संचालन भी हो रहा है। लेकिन जब एक्सप्रेस न्यूज टीम ने इस मामले में पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। शनिवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे कोलुआ रोड़ वार्ड नम्बर 6 स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी पर कोई डॉक्टर नहीं था केवल दो सफाई कर्मी बैठे हुए थे। जब उनसे डॉक्टरों के बारे में पूछा गया तो उन्होने बताया कि डॉक्टर साहब छुट्टी पर हैं। वहीं इस संबंध में जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी अलका त्रिवेदी से बात की गई तो उनका कहना था कि मुझे इस बारे में कुछ मालूम नहीं है। उन्होने बताया कि बीते दिन मेरे निरीक्षण के दौरान भी दोनो डॉक्टर अनुपस्थित मिले थे। सूत्रों की माने तो डॉक्टर हफ्ते में एक या दो दिन आते हैं और पूरे हफ्ते की उपस्थित लगाकर चले जाते हैं। कुल मिलाकर संजीवनी क्लीनिक के ताले सफाई कर्मी के बलबूते खुलते हैं और बंद हो जाते हैं। यहां मरीजों की नब्ज देखने के लिए कोई डॉक्टर आते है। ऐसे में मरीज इलाज के लिये भटकते रहते हैं। मरीजों को दवाइयां कौन देगा? उनको जांच कौन लिखेगा? इससे किसी को कोई मतलब नहीं है। इनका कहना: डॉक्टर हरीओम धाकड के छुट्टी की एपलीकेशन मेरे पास नहीं आई है। उनके विरुद्ध कार्रवाई कर रहे हैं। डॉ. अलका त्रिवेदी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी ईएमएस / दिनांक 26/7/025