:: अखंड परम धाम आश्रम पर आज गुरू पूजन एवं समापन :: इंदौर (ईएमएस)। खंडवा रोड स्थित अखंड परम धाम आश्रम पर चल रहे 29वें ध्यान एवं योग शिविर के छठे दिन, राम जन्मभूमि न्यास अयोध्या के न्यासी एवं युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज ने उपस्थित भक्तों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि हमें अपने हर कर्म को पूरी श्रद्धा, उमंग और उत्साह के साथ करना चाहिए। उन्होंने समझाया कि जीवन में काम, क्रोध और लोभ जैसे विकार ही हमारे पतन का कारण बनते हैं, ठीक वैसे ही जैसे मन में दैवीय और आसुरी प्रवृत्तियों का निरंतर संघर्ष चलता रहता है। स्वामी परमानंद महाराज ने सत्संग को मन की बीमारियों का इलाज बताया, ठीक वैसे ही जैसे शारीरिक बीमारियों के लिए डॉक्टर की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि मन मारकर काम करेंगे तो सफलता नहीं मिलेगी। उनका संदेश स्पष्ट था: जो भी कर्म करें, पूरी श्रद्धा, उत्साह और प्रसन्नता के साथ करें। शिविर में रविवार, 27 जुलाई को सुबह 7 से 9 बजे तक योग एवं ध्यान शिविर तथा प्रवचन के पश्चात गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में गुरु पूजन का आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश से आए शिष्य स्वामी परमानंद गिरि महाराज का पूजन करेंगे। आज भी सैकड़ों भक्तों ने गुरु दीक्षा प्राप्त की। शनिवार को प्रवचन के शुभारंभ से पहले साध्वी चैतन्य सिंधु, हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद, जयपुर के स्वामी प्रहलाद पुरी, महामंडलेश्वर साध्वी दिव्य चेतना गिरि, भागवताचार्य पं. पवन पुष्पा नंदन तिवारी आदि का स्वागत किशनलाल पाहवा, श्यामलाल मक्कड़, रामबाबू अग्रवाल, विजय गोयनका, सुरेश शाहरा, राजेश रामबाबू अग्रवाल, विजय शादीजा, मुकेश राजानी, तिलकराज ठक्कर और निरंजन पुरोहित जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गौशाला के लिए दान देने और सामूहिक विवाह के लिए सहयोग देने का संकल्प भी लिया। सत्संग में हरिद्वार से आई महामंडलेश्वर साध्वी दिव्यचेतना गिरि ने माता-पिता को भगवान समझने और उनके प्रति श्रद्धा रखने का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि जिस दिन हम माता-पिता को भगवान समझने लग जाएंगे, किसी और मंदिर में जाने की जरूरत नहीं रहेगी। स्वामी परमानंद महाराज ने अंत में कहा, जीवन में जो भी करें, पूरी श्रद्धा, निष्ठा और उत्साह के साथ करें। अपना कल्याण हमें स्वयं करना होगा। प्रकाश/26 जुलाई 2025