कहा- मोदी सरकार ने वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की छवि को मजबूत किया नई दिल्ली,(ईएमएस)। लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की वैश्विक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर पीएम मोदी की विदेश नीति के परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे मोदी सरकार ने भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को पुनर्संयोजित किया, रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत किया है, और एक निर्णायक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की छवि को मजबूत किया है, जो पिछली सरकारों से अलग है। जयशंकर ने टिप्पणी की कि जहां पिछली सरकारें मुख्य रूप से सीमा पार आतंकवाद के बावजूद कूटनीतिक संवाद बनाए रखने पर केंद्रित थीं, वहीं वर्तमान प्रशासन ने सैन्य संकल्प द्वारा समर्थित कूटनीतिक शक्ति पर आधारित नीति अपनाई है। मंत्री के मुताबिक इस बदलाव ने भारत की अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने हितों को प्रस्तुत करने की क्षमता को बढ़ाया है। जयशंकर के मुताबिक प्रमुख उपलब्धियों में से एक ऑपरेशन सिंदूर को सरकार ने प्रभावी ढंग से संभालना था। सीमा पार से पैदा होने वाले आतंकी खतरों के प्रति एक सुनियोजित प्रतिक्रिया के रूप में, यह ऑपरेशन न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि एक कूटनीतिक जीत भी थी। इसने भारत के आत्मरक्षा को रेखांकित किया और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल किया। उन्होंने कहा कि 190 से ज्यादा देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई और कहा कि यह पीएम मोदी की विदेश नीति के तहत भारत द्वारा अर्जित वैश्विक विश्वसनीयता का प्रमाण है। जयशंकर का मानना है कि पीएम मोदी के दृष्टिकोण ने भारत के राजनयिक जुड़ाव को एक व्यापक रणनीति में बदल दिया है जो आर्थिक कूटनीति, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक पहुंच को एकीकृत करती है। उन्होंने दुनिया के प्रमुख देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह एक सूक्ष्म और प्रभावी विदेश नीति का प्रमाण है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि क्वाड और जी20 जैसे बहुपक्षीय मंचों में एक अहम खिलाड़ी के रूप में उभरा है। जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की क्षेत्रीय और बहुपक्षीय कूटनीति ने रणनीतिक लाभ प्रदान किए हैं। उन्होंने इसके लिए दो विशिष्ट उदाहरण मालदीव और ब्रिक्स का हवाला दिया। जयशंकर ने ब्रिक्स समूह के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें चीन, रूस और ईरान जैसे पारंपरिक रूप से गुटनिरपेक्ष या यहां तक कि विरोधी देश भी शामिल हैं। इन गतिशीलताओं के बावजूद, ब्रिक्स ने पहलगाम आतंकी हमले और सीमा पार आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की एक कूटनीतिक सफलता जिसका श्रेय उन्होंने वर्तमान सरकार के तहत भारत की विश्वसनीयता और दृढ़ता को दिया। सिराज/ईएमएस 29जुलाई25 -------------------------------