भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम मुसलियार के दफ्तर ने किया था दावा नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली फांसी की सजा को माफ किए जाने के एक मुफ्ती के दावे को खारिज कर दिया है। मंत्रायल सूत्रों का कहना है कि यह खबर गलत है। सोमवार देर रात में भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार के दफ्तर ने दावा किया था कि निमिषा को माफी मिल गई है यानी उसे अब मौत की सजा नहीं होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुसलियार के दफ्तर ने दावा किया है कि इसका अभी लिखित आदेश नहीं आया है। उनके इस दावे के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने निमिषा को माफी की बात से इनकार किया है। सूत्रों के मुताबिक यह जानकारी सही नहीं है। अभी तक कि स्थिति यह है कि निमिषा की फांसी की सजा फिलहाल स्थगित है और यह अब भी बरकरार है। बता दें केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोड की रहने वाली निमिषा प्रिया पेशे से एक नर्स है। वर्ष 2008 में बेहतर रोजगार के लिए वह यमन गई और सना के एक सरकारी अस्पताल में नर्स के रूप में काम शुरू किया। 2015 में उसने यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के साथ साझेदारी में अल अमन मेडिकल क्लिनिक शुरू किया। निमिषा के अनुसार तलाल ने उनके साथ धोखा किया। 2017 में अपने दस्तावेज वापस लेने के लिए निमिषा ने तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, ताकि वह बेहोश हो जाए। लेकिन तलाल की मौत हो गई। घबराहट में निमिषा ने शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया और यमन-सऊदी सीमा पर भागने की कोशिश में पकड़ी गई। 16 जुलाई को उसको फांसी की सजा दी जानी थी लेकिन मुफ्ती और अन्य लोगों की कोशिश से उसे टाल दिया गया। पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी को लेकर बातचीत चल रही है। इसके तहत हत्या के दोषी या किसी अन्य अपराध के दोषी पीड़ित परिवार को पैसे देकर खुद को सजा से मुक्त करवा सकता है। इसमें शर्त यह है कि पीड़ित परिवार इसके लिए राजी हो। उसके साथ जबर्दस्ती नहीं जा सकती है। सिराज/ईएमएस 29जुलाई25 --------------------------------